व्यापार

डीजीसीए ने एयर इंडिया पर लगाया भारी जुर्माना, जानें वजह

Apurva Srivastav
23 March 2024 6:26 AM GMT
डीजीसीए ने एयर इंडिया पर लगाया भारी जुर्माना, जानें वजह
x
नई दिल्ली : शुक्रवार को एयर इंडिया को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एअर इंडिया को विमानन सेक्टर की नियामक डीजीसीए (DGCA) ने नियमों का उल्लंघन करने को लेकर एक बड़ा जुर्माना लगाया है। दरअसल यह जुर्माना फ्लाइट ड्यूटी टाइमिंग और क्रू की थकान को रोकने के लिए बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने के चलते लगाया गया है। वहीं जानकारी के अनुसार एयर इंडिया पर डीजीसीए ने 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
नियमों का उल्लंघन होने को लेकर लगाया जुर्माना:
दरअसल डीजीसीए ने एयर इंडिया पर नियमों के उल्लंघन को लेकर यह जुर्माना लगाया है इस दौरान डीजीसीए ने कहा कि “एअर इंडिया लिमिटेड का स्पॉट ऑडिट जनवरी, 2024 में किया गया था। जिसमें यह पाया गया कि एयरलाइन फ्लाइट ड्यूटी टाइमिंग और क्रू से जुड़े नियमों का उल्लंघन कर रही है।” दरअसल जानकारी के अनुसार लंबी दूरी की उड़ानों से पहले एवं बाद में और लेओवर के दौरान फ्लाइट क्रू को पर्याप्त आराम दिया जाना चाहिए लेकिन एयर इंडिया द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। वहीं जानकारी में यह भी सामने आया है की पायलटों ने अपने ड्यूटी से ज्यादा टाइम भी काम किया है।
वहीं डीजीसीए ने इससे पहले फरवरी में भी एयर इंडिया पर 30 लाख का जुर्माना लगाया था। दरअसल उस समय एक 80 वर्षीय यात्री की मौत हो जाने से यह जुर्माना लगाया गया था। वहीं इसके अलावा भी एअर इंडिया पर जनवरी में भी सेफ्टी नियमों का उल्लंघन करने को लेकर तकरीबन 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है।
कारण बताओ नोटिस एक मार्च को किया गया था जारी:दरअसल इस बार नियमों के उल्लंघन को लेकर डीजीसीए द्वारा एअर इंडिया को 1 मार्च, 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। लेकिन एयर इंडिया द्वारा इसका उचित जबाव नहीं दिया गया था। जिसके बाद यह जुर्माना डीजीसीए की ओर से लगाया गया है। दरअसल जनवरी में डीजीसीए द्वारा फ्लाइट क्रू के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया था। जानकारी के अनुसार इसमें वीकली रेस्ट को बढ़ाकर 48 घंटे बढ़ाकर दिया गया था, जबकि नाईट आवर्स में भी इजाफा किया गया था। इसके साथ ही नाईट लैंडिंग को भी 6 से घटाकर 2 कर दिया गया था। हालांकि सेफ्टी को देखते हुए नियमों में बदलाव जरूरी है।
Next Story