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अंगूर की कीमत तय होने के बावजूद किसानों को नहीं हो रहा कोई भी फायदा

Bhumika Sahu
25 Jan 2022 5:49 AM GMT
अंगूर की कीमत तय होने के बावजूद किसानों को नहीं हो रहा कोई भी फायदा
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अंगूर उत्पादकों की परेशानियों को कम करने के लिए, अंगूर उत्पादक संघ ने कम से कम 10 प्रतिशत की लागत पर उत्पादकों और व्यापारियों द्वारा किए गए लागत के आधार पर मासिक आधार पर दरें तय की थीं. किसानों का कहना हैं उत्पादक संघ के फैसले के बाद भी निर्यातक इस फैसले का पालन नहीं कर रहे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नासिक अंगूर उत्पादक संघ ने उत्पादकों और व्यापारियों द्वारा किए गए लागत और तुलना में कम से कम 10 प्रतिशत लाभ के आधार पर मासिक आधार पर दरें (Rates) तय की थीं.लेकिन फैसले के कुछ ही दिनों में नासिक जिले में इसे माना नहीं जा रहा है. पिछले हफ्ते ऐसी शिकायतें आई थीं कि एक्सपोर्टर्स (Exporters) किसानों से निर्धारित दरों से कम पर खरीदारी कर रहे हैं, तो अब अंगूर (Grapes) की कटाई बंद कर दी है इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. किसनों का कहना हैं कि अब तक हमें प्रकृति की विषमताओं का सामना करना पड़ा हैं. अब भाव को लेकर मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. इसलिए, यदि संघ द्वारा लिया गया निर्णय अब निर्यातकों को स्वीकार्य नहीं है, तो उत्पादक कम दर पर बेचने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं, इसलिए अब इसका समाधन निकालना जरुरी होगया हैं किसनों के लिए.

क्या है मामला
नासिक जिले में अंगूर का एक बड़ा क्षेत्र हैं हालांकि, हर साल प्रकृति के उतार-चढ़ाव के कारण, लागत और बाजार मूल्य की तुलना में उत्पादकों को नुकसान हो रहा था. इसलिए इस साल जनवरी महीने के लिए भाव 85 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया गया था.
लेकिन निर्यात के लिए दर वहन करने योग्य नहीं थी, इसलिए निर्यातकों ने कम दरों पर खरीदारी शुरू कर दी बागवान संघ में शिकायत दर्ज कराने के बाद पिछले सप्ताह हुई बैठक में 82 रुपये प्रति किलो के निर्णय को बरकरार रखा गया लेकिन निर्यातकों ने सीधे अंगूर की कटाई को रोककर अगला कदम उठाया हैं इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है लेकिन वे इंतजार कर रहे हैं कि समाधान क्या होगा.
अभी आधी है डिमांड
जनवरी का रेट 82 रुपये प्रति किलो तय किया गया हैं लेकिन निर्यातकों की ओर से रूस को निर्यात के लिए 45 रुपये प्रति किलोग्राम की सीधी मांग हैं रूस में अंगूर उत्पादक संघ द्वारा विपणन के लिए निर्धारित दर वहनीय नहीं है इसके चलते कुछ इलाकों में कटाई ठप हो गई हैं नतीजा यह हुआ कि पहले चरण में कुछ किसानों को कम दर पर अंगूर बेचने पड़े, लेकिन अब फसल थम गई हैं.
निर्यात-उत्पादक भ्रम अंगूर की गुणवत्ता को प्रभावित करता है
प्राकृतिक आपदा का सामना करते हुए, अंगूर उत्पादक आखिरकार अपने पैरों पर खड़े हैं लेकिन अब जब फसल कटनी शुरू हो गई है, तो एक या एक से अधिक समस्याएं खड़ी हो गई हैं कई समस्याएं हैं, खासकर रूस को अंगूर के निर्यात के साथ तो पिछले आठ दिनों से चल रही इस गड़बड़ी का असर अंगूर की गुणवत्ता पर पड़ रहा है.निर्यातक यह कहते हुए कीमतों में कटौती कर रहे हैं कि अंगूर की गुणवत्ता गिर रही हैं इस बीच रूस को छोड़कर यूरोप को निर्यात किए जाने वाले अंगूर 80 रुपये से 85 रुपये के बीच मिल रहे हैं बागवानी संघ के उपाध्यक्ष कैलास भोसले ने कहा कि इसलिए उत्पादकों के हित में फैसला लिया जाएगा.


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