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प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हुई फसल
भारी बारिश और कुछ इलाकों में बाढ़ के कारण दिल्ली के किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है कि केजरीवाल सरकार नुकसान झेलने वाले किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 5000 रुपए का मुआवजा दे. बीजेपी ने दावा किया है कि करीब 50 हजार बीघे में लगी किसानों की फसल बारिश के कारण बर्बाद हो गई है.
बारिश और बाढ़ के कारण किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गई बीजेपी नेताओं की एक टीम ने कहा कि 70 गांवों में 50 हजार बीघे में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है. ये गांव बवाना, नरेला, मुंडका और मटियाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. नेताओं ने कहा कि खेतों में अभी भी पानी जमा है. दिल्ली सरकार को पानी निकालने का तुरंत इंतजाम करना चाहिए.
'प्रभावित इलाकों का दौरा करें सीएम केजरीवाल'
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी भी जायजा लेने वाले नेताओं के दल में शामिल थे. उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रभावित इलाकों का दौरा करें और किसानों के लिए जल्द से जल्द मुआवजे का ऐलान करें.
कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, राजधानी में कुल खेती का क्षेत्र लगभग 29,000 हेक्टेयर है, जो ज्यादातर शहर के उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्र में फैला हुआ है. अधिकांश किसान गेहूं और धान के अलावा मौसमी सब्जियां उगाते हैं. सरकार का अनुमान है कि वर्तमान में दिल्ली में किसानों की कुल संख्या 21,000 है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि खेती के लिए किस अनुपात में भूमि का उपयोग किया जाता है.
दिल्ली में घट रही कृषि क्षेत्र की भूमि
दिल्ली में खेती के क्षेत्र में गिरावट देखी गई है. पांच साल पहले तक यहां 37,750 हेक्टेयर खेती की जमीन हुआ करती था, लेकिन आज यह 29,000 है.
इस बार दिल्ली में सितंबर के महीने में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. इस वजह से नीचले इलाकों में पानी जमा हो गया है. खेतों में से पानी निकालने की व्यवस्था नहीं होने के कारण फसल को प्रचुर मात्रा में नुकसान पहुंचा है. किसानों का कहना है कि अब कुछ समय बाद धान की कटाई होगी, लेकिन ऐसे समय में हमारी फसल पर बारिश के कारण बर्बादी की कगार पर है.
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