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देश में बढ़ी दालों की मांग, सरकार ने उठाया बड़ा कदम, सीधा होगा आम आदमी पर असर

Neha Dani
15 Sep 2021 5:08 AM GMT
देश में बढ़ी दालों की मांग, सरकार ने उठाया बड़ा कदम, सीधा होगा आम आदमी पर असर
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विदेशों में निवेश करने और फसलों का उत्पादन करने का अवसर तलाशना चाहता है।

विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने मंगलवार को कहा कि भारत ने दाल की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिये इसके आयात को लेकर मलावी और मोजाम्बिक के साथ समझौते किए हैं। इसके अलावा कुछ अन्य अफ्रीकी देशों के साथ भी दाल आयात को लेकर बातचीत चल रही है। भारत-अफ्रीका कृषि और खाद्य प्रसंस्करण शिखर सम्मेलन 2021 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अफ्रीका के लिए भारत चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और पांचवां सबसे बड़ा निवेशक बन गया है। भारत का कुल निवेश अफ्रीका में 70.7 अरब डॉलर है।

मुरलीधरन ने यह भी कहा कि अफ्रीका के साथ भारत आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर संभावनाएं टटोल सकता है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा भारत और अफ्रीका को जोड़ती है। भारत ने मानवीय सहायता के रूप में विभिन्न अफ्रीकी देशों को 1.58 करोड़ डॉलर की खाद्य सहायता उपलब्ध कराई है। मुरलीधरन ने कहा, ''भारत ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दाल आयात को लेकर मलावी और मोजाम्बिक के साथ समझौते किए हैं। फिलहाल हम दाल के आयात को लेकर कुछ और अफ्रीकी देशों के साथ समझौता ज्ञापन पर बातचीत कर रहे हैं।

भारत दाल का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता
भारत दाल का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के पास काफी भूमि है, जिसे वह विभिन्न उत्पादों के उत्पादन के लिये उपलब्ध करा सकता है। मंत्री ने कहा, ''भारत बड़े पैमाने पर रोजगार और आय पैदा करने के साथ कृषि-प्रसंस्करण सुविधाओं के निर्माण के माध्यम से.... विदेशों में निवेश करने और फसलों का उत्पादन करने का अवसर तलाशना चाहता है।


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