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नोएडा (आईएएनएस)| होली पर ड्यूटी के दौरान अलग-अलग हादसों में दो डिलीवरी ब्वॉय की मौत हो गई। पेनल्टी से बचने और समय पर ऑर्डर देने के लिए दोनों मृतक कारों की चपेट में आ गए थे। पुलिस के अनुसार, मृतकों में से एक की पहचान बंटी के रूप में हुई है, जो नोएडा में डिलीवरी ब्वॉय के रूप में काम करता था। नोएडा के सेक्टर-112 में 8 मार्च को अज्ञात कार चालक ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी, उस समय वह ऑर्डर देने जा रहे थे। टक्कर के बाद बंटी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
दूसरी घटना में, बिग बास्केट में डिलीवरी ब्वॉय के रूप में काम करने वाले दीपक भी उसी दिन दोपहर करीब 3 बजे लोटस बुलेवार्ड सोसाइटी के पास ऑर्डर देने के दौरान हादसे का शिकार हो गए। दीपक को भी एक कार ने टक्कर मार दी थी और उसे निठारी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
सेक्टर-39 थाना प्रभारी अजय चेहर ने बताया कि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कार चालक को गिरफ्तार कर लिया है। इस तरह की दुर्घटनाओं में वृद्धि इस फिल्ड में कड़ी प्रतिस्पर्धा और समय पर ऑर्डर देने के लिए एजेंटों (डिलीवरी ब्वॉय) पर बढ़ते दबाव की ओर इशारा करती है।
कई ऐप्स में डिलीवरी एजेंटों के लिए निश्चित समय अवधि होती है, जो इसका पालन करने के दौरान सड़कों पर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर ऑर्डर देने के लिए एजेंटों पर दबाव के कारण ऐसी दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। कंपनियों के दबाव में वह ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर ओवर स्पीडिंग का सहारा लेते हैं।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कई एजेंट जो अतिरिक्त वजन ले जाते हैं वह भी दुर्घटनाओं का कारण बन जाता है क्योंकि उनके वाहन संतुलन खो देते हैं। फूड ऐप बेस्ड कंपनी में डिलीवरी पार्टनर के तौर पर काम करने वाले बाल गोविंद मिश्रा ने बताया कि 15 मार्च को उन्हें एक रेस्टोरेंट से ऑर्डर मिला, जिसके बाद उन्हें सूचना मिली की उनके घर में किसी की तबीयत खराब हो गई है।
मिश्रा ने कहा कि वह हड़बड़ी में अपने घर पहुंचे और कंपनी की कस्टमर केयर सर्विस पर फोन किया और उनसे किसी दूसरे एजेंट को डिलीवरी देने के लिए कहने को कहा, जिसे मना कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जुर्माना लगाने की चेतावनी दी गयी। मना करने पर कंपनी ने इसमें शामिल राशि का दोगुना जुर्माना लगाया। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर उन्होंने लेबर कोर्ट में अपील की है।
आईएएनएस से बात करते हुए, मिश्रा ने कहा कि अगर डिलीवरी एजेंट 10 घंटे के लिए लॉग इन करता है तो कंपनी को लगभग 500 रुपये की कमाई होती है, जिसमें से उन्हें 200 रुपये का भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि जब लॉग-इन का समय 15-16 घंटे का होता है, तो कंपनी लगभग 750 रुपये कमाती है और एजेंट को 350 रुपये का भुगतान करती है।
उन्होंने कहा कि कई बार रेस्टोरेंट के कर्मचारी फूड डिलीवरी ऐप पर ऑर्डर तैयार होने का झूठा नोटिफिकेशन भेजकर एजेंटों (डिलीवरी ब्वॉय) को बरगलाते हैं, लेकिन जब डिलीवरी ब्वॉय वहां पहुंचता है तो वह लंबे अंतराल तक इंतजार करते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐप की ओर से संबंधित रेस्टोरेंट को इस संबंध में सिर्फ नोटिस जारी किया जाता है। मिश्रा ने कहा कि वर्तमान परि²श्य में, डिलीवरी एजेंटों के काम में बहुत दबाव होता है और यह वास्तव में कठिन और थका देने वाला हो जाता है।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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