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Delhivery ड्रोन से करेगी सामान की डिलीवरी, इसके लिए अमेरिकी कंपनी ट्रांजिशन रोबोटिक्स का किया अधिग्रहण

Gulabi
8 Dec 2021 4:56 PM GMT
Delhivery ड्रोन से करेगी सामान की डिलीवरी, इसके लिए अमेरिकी कंपनी ट्रांजिशन रोबोटिक्स का किया अधिग्रहण
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Delhivery ड्रोन से करेगी सामान की डिलीवरी
लॉजिस्टिक्स कंपनी डेल्हीवेरी (Delhivery) ने ड्रोन टेक्नोलॉजी अपनाने का ऐलान किया है. यह कंपनी ड्रोन के जरिये सामानों की डिलीवरी करेगी. इसके लिए अमेरिकी कंपनी ट्रांजिशन रोबोटिक्स के साथ एक डील हुई है. Delhivery अगले साल अपना आईपीओ लाने वाली है. उससे पहले ड्रोन के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया है.
अमेरिका स्थित ट्रांजिशन रोबोटिक्स कंपनी ड्रोन या अनमैन्ड एरियल सिस्टम (UAS) प्लेटफॉर्म बनाने के लिए जानी जाती है. हार्डवेयर से लेकर सॉफ्टवेयर और टेस्टिंग, वैलिडेशन से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक का काम होता है. Delhivery के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर कपिल भारती का कहना है कि भारत में ड्रोन का काम उभरता हुआ क्षेत्र है. इसे देखते हुए डेल्हीवेरी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहती है.
स्पाइसएक्सप्रेस के साथ करार
Delhivery भारत में ड्रोन डिलीवरी ट्रायल शुरू करने वाली है. इस कंपनी ने स्पाइसजेट के कार्गो डिविजन स्पाईसएक्सप्रेस के साथ एक करार किया है. देश में ड्रोन डिलीवरी सिस्टम को मजबूत किया जा सके, इसके लिए कंपनी ने स्पाइसएक्सप्रेस के साथ करार किया है. स्पाइसएक्सप्रेस और Delhivery ने मिलकर एक कंसोर्टियम बनाया है जिसे डायरेक्टर जनरल और सिविल एविएशन (DGCA) ने ड्रोन डिलीवरी के लिए मंजूरी दी है. डेल्हीवेरी की तरह जोमैटो, स्विगी, डुन्जो, फ्लिपकार्ट और बाकी कई कंपनियों ने अपना अलग कंसोर्टियम बनाकर ड्रोन की टेस्टिंग शुरू की है.
अमेरिकी कंपनी का अधिग्रहण
Delhivery ने इसके लिए अमेरिकी कंपनी ट्रांजिशन रोबोटिक्स का अधिग्रहण किया है. इस साल डेल्हीवेरी का यह तीसरा अधिग्रहण है. मार्च महीने में इस कंपनी ने सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस या SAAS प्लेटफॉर्म प्राइमासेलर का अधिग्रहण किया था. डेल्हीवेरी ने अपनी सर्विस की क्वालिटी बढ़ाने, पेशेवर प्रबंधन, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग को मजबूत करने के लिए पांच महीने बाद स्पॉटन लॉजिस्टिक्स का अधिग्रहण किया. एक दशक पुराने इस लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप ने आईपीओ के जरिए 7,460 करोड़ रुपये जुटाने के लिए नवंबर में अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है. अगले साल इसका आईपीओ आने की संभावना है.
डील की रकम की जानकारी नहीं
दोनों कंपनियों के बीच यह सौदा कितने डॉलर या रुपये में हुआ है उसके बारे में पता नहीं चल पाया है. अमेरिका में इस कंपनी की जो भी टेक्नोलॉजी है, वह डेल्हीवेरी को ट्रांसफर होगी. अमेरिका में इस कंपनी की जो भी इटेलेक्चुलअल प्रोॉपर्टी है, वह डेल्हीवेरी को ट्रांसफर की जाएगी. अमेरिकी कंपनी ट्रांजिशन रोबोटिक्स की एरियस फोटोग्राफी, रिमोट सेंसिंग, इंसपेक्शन और सर्वे से जुड़ी टेक्नोलॉजी भी डेल्हीवेरी को ट्रांसफर होगी.
कुछ दिन पहले फेडएक्स इंडिया लिमिटेड ने डेल्हीवेरी की कुछ हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया था जिसे कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया या CCI ने मंजूरी दे दी. फेडएक्स इंडिया भारत में लॉजिस्टिक्स सर्विस मुहैया कराती है जिनमें एक्सप्रेस पार्सल डिलीवरी, ट्रक फ्रेट सर्विस, वेयरहाउसिंग और सप्लाई चेन मैनेजमेंट के काम शामिल हैं. बिजनेस के क्षेत्र में यह कंपनी शिपिंग के जरिये भी डिलीवरी करती है.
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