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31 मार्च 2022 तक बढ़ी ECLGS स्कीम की डेडलाइन, छोटे कारोबारियों के लिए बड़ा ऐलान

Shiddhant Shriwas
29 Sep 2021 1:04 PM GMT
31 मार्च 2022 तक बढ़ी ECLGS स्कीम की डेडलाइन, छोटे कारोबारियों के लिए बड़ा ऐलान
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अगर किसी बिजनेस ने इस स्कीम का अब तक फायदा नहीं उठाया है तो वह 31 मार्च 2021 तक टोटल क्रेडिट आउटस्टैंडिंग का अधिकतम 30 फीसदी तक लाभ उठा सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र सरकार ने छोटे उद्योग (MSME) को सपोर्ट करने के लिए शुरू की गई स्कीम ECLGS की डेडलाइन को बढ़ाने का फैसला किया है. कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की डेडलाइन को 31 मार्च 2022 तक या जब तक इसके लिए घोषित 4.5 लाख करोड़ का फंड खर्च नहीं हो जाता, बढ़ाने का फैसला किया गया है.

इस स्कीम के तहत अमाउंट डिस्बर्समेंट की तारीख को भी बढ़ाकर 30 जून 2022 तक कर दिया गया है. गोयल ने कहा कि तमाम स्टेक होल्डर्स की तरफ से यह मांग की जा रही थी कि सरकार इस स्कीम की डेडलाइन को बढ़ाए. MSME के लिए शुरू की गई इस स्कीम में कुछ अहम बदलाव भी किए गए हैं. अगर किसी MSME ने ECLGS 1.0 या 2.0 के तहत लोन उठाया है तो वह एडिशनल क्रेडिट सपोर्ट का लाभ उठा सकता है. यह 31 मार्च 2021 के टोटल क्रेडिट आउटस्टैंडिंग का अधिकतम 10 फीसदी हो सकता है.
2.86 लाख करोड़ रुपए का लोन सैंक्शन
अगर किसी बिजनेस ने इस स्कीम का अब तक फायदा नहीं उठाया है तो वह 31 मार्च 2021 तक टोटल क्रेडिट आउटस्टैंडिंग का अधिकतम 30 फीसदी तक लाभ उठा सकता है. ECLGS 3.0 के तहत जिन बिजनेस को नोटिफाई किया गया है, और उसने अभी तक इस स्कीम का फायदा नहीं उठाया है तो वह 31 मार्च 2021 तक टोटल क्रेडिट आउटस्टैंडिंग का अधिकतम 40 फीसदी तक लोन उठा सकता है. एक बॉरोअर के लिए यह लिमिट 200 करोड़ रुपए है. पीयूष गोयल ने कहा कि 24 सितंबर तक ECLGS स्कीम के तहत अब तक 2.86 लाख करोड़ रुपए का लोन सैंक्शन किया जा चुका है.
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किया गया था ऐलान
ECLGS यानी कि इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को पिछली बार कोरोना महामारी को देखते हुए लॉन्च किया गया था. पिछले साल मई महीने में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इसका ऐलान हुआ था. इसके तहत बैंक छोटे उद्योगों को लोन बांटता है. यह काम देश के 12 सरकारी, 25 प्राइवेट और 31 गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों की तरफ से किया जा रहा है.
किसे मिल सकता है लोन
शुरुआती घोषणा के मुताबिक जिन कंपनियों की आउटस्टैंडिंग 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपये है और वित्तीय वर्ष 2019-20 में उस कंपनी का सालाना टर्नओवर 250 करोड़ रुपये का है, वह ईसीएलजीएस के तहत क्रेडिट पाने की हकदार हो सकती है. हालांकि ECLGS 3.0 के अंतर्गत इसका दायरा बढ़ाते हुए हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल, टूरिज्म और स्पोर्टिंग सेक्टर को भी शामिल कर लिया गया है. जिन कंपनियों का आउटस्टैंडिंग क्रेडिट 500 करोड़ रुपये का है, उन्हें भी इस स्कीम में शामिल कर लिया गया है.
कितना देना होगा ब्याज
ईसीएलजीएस के तहत बहुत ही मामूली रेट पर कर्ज दिया जाता है. अनसिक्योर्ड लोन को ईसीएलजीएस लोन की ब्याज दर 14 परसेंट सालाना के तौर पर ले सकते हैं. अगर कोई बिजनेसमैन वर्किंग कैपिटल टर्म लोन लेता है तो उसे ईसीएलजीएस के तहत 1 से 48 महीने के लिए लोन मिल सकता है. ईसीएलजीएस 2.0 और 3.0 के तहत लोन की अवधि 5-6 साल कर दी गई है. ब्याज चुकाने में भी मोहलत मिलती है.


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