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टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई, लेकिन अब भरना होगा जुर्माना, जानिए कितना लगेगा चार्ज

Renuka Sahu
16 Sep 2021 2:15 AM GMT
टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई, लेकिन अब भरना होगा जुर्माना, जानिए कितना लगेगा चार्ज
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फाइल फोटो 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स विभाग की वेबसाइट में चल रही परेशानियों के बीच पिछले दिनों टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन को तीन महीने से बढ़ाने का फैसला किया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स विभाग की वेबसाइट में चल रही परेशानियों के बीच पिछले दिनों टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन को तीन महीने से बढ़ाने का फैसला किया था. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गई है. हालांकि टैक्सपेयर्स को यह याद रखना चाहिए कि उन्हें इस दौरान इंट्रेस्ट का भुगतान करना होगा.

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए असेसमेंट ईयर 2021-22 हुआ. मतलब, पिछले वित्त वर्ष के लिए 1 अप्रैल 2021 से रिटर्न फाइलिंग की शुरुआत हुई. सामान्य तौर पर रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होती है. कोरोना और इनकम टैक्स वेबसाइट की खामियों के कारण पहले इसे दो महीने बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया. एकबार फिर इस डेडलाइन को तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 तक कर दिया गया है. 31 जुलाई के बाद जो कोई टैक्स देनदारी में देरी करेगा उसे इंट्रेस्ट का भुगतान करना होगा.
भुगतान करने में कोई परेशानी नहीं
CBDT के अधिकारियों ने कहा कि टैक्स देनदारी का भुगतान बैंकिंग और नेट बैंकिंग से होता है. टैक्स रिटर्न भरने की तारीख में बढ़ोतरी हुई जिसके कारण आपको लेट रिटर्न का जुर्माना नहीं भरना होगा. हालांकि, 31 जुलाई के बाद टैक्स लाएबिलिटी के भुगतान में जितना लेट होगा, उसपर टैक्सपेयर को इंट्रेस्ट का भुगतान करना होगा.
हर महीने 1 फीसदी का लगेगा ब्याज
टैक्स लाएबिलिटी का 1 फीसदी एक महीने का इंट्रेस्ट होता है. मान लीजिए कि किसी टैक्सपेयर ने 10 सितंबर को रिटर्न फाइल किया. ऐसे में उसे टैक्स लाएबिलिटी का 2 फीसदी इंट्रेस्ट के रूप में भुगतान करना होगा. यह इंट्रेस्ट अगस्त और सितंबर महीने के लिए 1-1 फीसदी है. दरअसल, इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स सरकार से असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए इंट्रेस्ट लाएबिलिटी में छूट की मांग कर रहे थे. इसके बाद CBDT की तरफ से बयान जारी कर सफाई दी गई है.
9 सितंबर को डेडलाइन बढ़ाने का हुआ था ऐलान
9 सितंबर को CBDT ने असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए बिना ऑडिट वाले इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइल करने की तारीख को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया था. उस सर्कुलर में साफ-साफ लिखा था कि रिटर्न फाइल करने की तारीख में बदलवा सेक्शन 234A पर लागू नहीं होता है जो देरी से रिटर्न फाइल करने पर इंट्रेस्ट पेमेंट से संबंधित है.
1 लाख से कम टैक्स लाएबिलिटी पर मिलेगी राहत
CBDT की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक, अगर किसी टैक्सपेयर की टैक्स लाएबिलिटी 1 लाख से कम है तो उसे इंट्रेस्ट भुगतान से छूट मिलेगी. इसके अलावा कुछ सीनियर सिटीजन्स को भी इसमें राहत दी गई है.


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