RTI से मिला आंकड़ा: रेलवे ने चार साल में सीनियर सिटीजन से छूट की राशि वापस लेकर कमाये 5800 करोड़ रुपये
बिज़नस: सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए सवालों से पता चला है कि ट्रेन किराये में वरिष्ठ नागरिकों) सीनियर सिटीजन को दी जाने वाली रियायतें वापस लेने के बाद से भारतीय रेल ने बुजुर्गों से 5800 करोड़ रुपये से ज्यादा का अतिरिक्त राजस्व कमाया है.
लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद सीनियर सिटीजन किरायों में छूट ली थी वापस
रेल मंत्रालय ने 20 मार्च, 2020 को कोविड-19 महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद सीनियर सिटीजन को ट्रेन किराये में दी जाने वाली छूट वापस ले ली थीं. उस समय तक रेलवे महिला यात्रियों को ट्रेन किराये में 50 फीसदी और पुरुष और ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 फीसदी की छूट देता था.
मध्य प्रदेश के इस शख्स ने दायर की हैं आरटीआई
मध्य प्रदेश के निवासी चंद्रशेखर गौड़ ने अलग-अलग समय पर आरटीआई अधिनियम के तहत आवेदन दायर कर जानकारी निकाली है कि 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे ने इस मद में 5875 करोड़ से ज्यादा का अतिरिक्त राजस्व कमाया है.
उन्होंने पीटीआई-भाषा से इन आरटीआई जवाबों की कॉपी साझा करते हुए कहा, "रेलवे ने वर्ष और जेंडर के आधार पर आंकड़े दिए हैं. इनके सहारे हम 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे द्वारा एकत्र किए गए अतिरिक्त राजस्व का आसानी से पता लगा सकते हैं.
गौड़ ने कहा, "महिलाओं के लिए 50 फीसदी और पुरुष और ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिक यात्रियों के लिए पहले लागू 40 फीसदी रियायत की गणना करने पर यह राशि 5,875 करोड़ से ज्यादा बैठती है." वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किरायों में मिलने वाली रियायत महामारी खत्म होने के बाद बहाल किए जाने से जुड़े सवाल संसद के दोनों सदनों समेत विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उठाए जा चुके हैं.
जनवरी 2024 में प्रेस रिलीज में रेलवे ने दी थी जानकारी
हालांकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका कोई सीधा जवाब न देते हुए कहा था कि भारतीय रेलवे प्रत्येक रेल यात्री को ट्रेन किराये पर 55 फीसदी छूट देता है. वैष्णव ने जनवरी, 2024 में एक प्रेस रिलीज में कहा था, 'अगर किसी डेस्टिनेशन के लिए ट्रेन टिकट की कीमत 100 रुपये है, तो रेलवे यात्री से केवल 45 रुपये ही वसूल रहा है. इस तरह यात्रा पर 55 रुपये की रियायत दे रहा है.