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क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन: महज 12 साल में छुआ एक लाख करोड़ डॉलर का मार्केट कैप, माइक्रोसॉफ्ट को लगे थे 44 साल

Kunti Dhruw
16 April 2021 1:58 PM GMT
क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन: महज 12 साल में छुआ एक लाख करोड़ डॉलर का मार्केट कैप, माइक्रोसॉफ्ट को लगे थे 44 साल
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क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: दुनिया क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर काफी असमंजस और अनिश्चितता का माहौल है लेकिन इसके बाद भी बिटकॉइन दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। दुनिया में लगातार बिटकॉइन में पैसा लगाने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग और निवेशक इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैंं।

एक लाख करोड़ डॉलर का मार्केट कैप हासिल करने में लगे मात्र 12 साल
बिटकॉइन जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, वो काबिले तारीफ है। बता दें कि जिस बेंचमार्क को पाने में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार माइक्रोसॉफ्ट को 44 साल, एपल को 42 साल, अमेजन को 24 साल और गूगल को 21 साल का समय लगा वहीं बिटकॉइन ने मात्र 12 साल में ही वो मुकाम हासिल कर लिया।
बिटकॉइन की मार्केट वैल्यू मौजूदा समय में एक लाख करोड़ डॉलर यानी कि 74.49 करोड़ रुपये है। डिजिटल करेंसी पर निगरानी रखने वाली संस्था कॉइनमार्केट डॉट कॉम के मुताबिक, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त करने वाले प्लेटफॉर्म कॉइनबेस के बाजार में उतरने से पहले ही बिटकॉइन के दाम ऑल टाइम हाई यानी 64,000 डॉलर पर था और इसका मार्केट कैप 1.2 ट्रिलियन डॉलर यानी नौ लाख करोड़ रुपये था।
कुछ जानकार बिटकॉइन को मानते हैं बुलबुला
भले ही बिटकॉइन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हो या फिर तेज गति से अपनी वैल्यू बढ़ा रहा हो लेकिन अब भी ज्यादातर फंड मैनेजर इसे बुलबुला ही मानते हैं। बैंक ऑफ अमेरिका के हालिया ग्लोबल फंड मैनेजर सर्वे में यह बात सामने आई है। 200 से ज्यादा संस्थान, म्यूचुअल और हेज फंड मैनेजर से बातचीत में 74 फीसदी लोगों ने बिटकॉइन को बुलबुला माना है, हालांकि 16 फीसदी इस नजरिए से इत्तेफाक नहीं रखते।
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