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कच्चा तेल 82 डॉलर के पार, पेट्रोल-डीजल के दाम में और बढ़ोतरी के आसार

Rani Sahu
5 Oct 2021 4:25 PM GMT
कच्चा तेल 82 डॉलर के पार, पेट्रोल-डीजल के दाम में और बढ़ोतरी के आसार
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देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें मंगलवार को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं

देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें मंगलवार को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं, जबकि कच्चे तेल के 82 डॉलर प्रति बैरल के पार होने के बाद इन कीमतों में आगे 'पर्याप्त' बढ़ोतरी के आसार हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों के 2014 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद मूल्यों में फिर से बढ़ोतरी के साथ ईंधन के दाम चढ़े हैं. सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों की लिस्ट के अनुसार, पेट्रोल की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 30 पैसे की बढ़ोतरी की गई.

इससे दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 102.64 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 108.67 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं. डीजल की कीमत भी दिल्ली में 91.07 रुपये और मुंबई में 98.80 रुपये के रिकॉर्ड स्तर को छू गई. स्थानीय करों के आधार पर कीमतें राज्यों में अलग-अलग होती हैं. उद्योग के सूत्रों ने 'भाषा' से कहा कि लागत और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए 'पर्याप्त' बढ़ोतरी के आसार हैं.
अभी और बढ़ेंगे दाम
सूत्रों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में सुधार की उम्मीद के चलते तेल कंपनियों ने मामूली बढ़ोतरी ही की थी. एक सूत्र ने कहा, 'तेल मार्केटिंग कंपनियों ने अभी तक पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में मामूली वृद्धि की है… हालांकि, सुधार नहीं होने की स्थिति में पर्याप्त मूल्य वृद्धि हो सकती है.' एक हफ्ते के भीतर पेट्रोल की कीमतों में छठी वृद्धि के साथ देश के ज्यादातर प्रमुख शहरों में इस ईंधन की कीमत 100 रुपये के पार हो गई है.
इन राज्यों में 100 के पार गईं कीमतें
इसी तरह, दो हफ्ते से भी कम समय में कीमतों में नौवीं वृद्धि के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कई शहरों में डीजल की कीमत 100 रुपये के ऊपर चली गई है. बाजार में ऊर्जा की कमी के बावजूद, ओपेक प्लस (तेल उत्पादक देश) की ओर से आपूर्ति की अपनी वृद्धि को बनाए रखने के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें लगभग सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गईं. वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट 82.37 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
कच्चे तेल का असर
तेल का शुद्ध आयातक होने के नाते, भारत पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार रखता है. एक महीने पहले ब्रेंट 72 डॉलर प्रति बैरल से भी कम था. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों – इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने क्रमश: 24 सितंबर और 28 सितंबर से डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया जिसके साथ ही उससे पिछले कुछ समय से मूल्य वृद्धि पर लगी रोक समाप्त हो गई. तब से डीजल की कीमत में 2.45 पैसे प्रति लीटर और पेट्रोल में 1.50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है.
कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध
ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि की विपक्षी दलों ने आलोचना की है और मांग की है कि सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए दोनों ईंधनों पर लगाए जा रहे रिकॉर्ड उत्पाद शुल्क में कटौती करे. सरकार ने अब तक इस मांग की अनदेखी की है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को ईंधन की ऊंची कीमतों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. राष्ट्रीय राजधानी में अपने मंत्रालय के एक कार्यक्रम के दौरान ईंधन की कीमतों के बारे में पूछे जाने पर, पुरी ने कहा, 'छोड़ो' और इसके बाद वहां से चले गए.


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