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श्रमिकों की कमी से उद्योगों पर गहराएगा संकट

Bhumika Sahu
10 Dec 2021 5:34 AM GMT
श्रमिकों की कमी से उद्योगों पर गहराएगा संकट
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उद्योग जगत के लिए कामगारों की तलाश करना मुश्किल हो रहा है। हायरिंग फर्म टीमलीज के अनुसार, मौजूदा समय में विनिर्माण, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, इंफ्रा और रियल एस्टेट समेत कई सेक्टर 20-25% तक कम मैनपावर (श्रमशक्ति) की कमी से जूझ रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।उद्योग जगत के लिए कामगारों की तलाश करना मुश्किल हो रहा है। हायरिंग फर्म टीमलीज के अनुसार, मौजूदा समय में विनिर्माण, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, इंफ्रा और रियल एस्टेट समेत कई सेक्टर 20-25% तक कम मैनपावर (श्रमशक्ति) की कमी से जूझ रहे हैं।

टीमलीज के अनुसार, कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन के आने से आने वाले समय में उद्योगों का संकट बढ़ सकता है क्योंकि श्रमिकों की कमी और बढ़ सकती है। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण पहले से ही बहुत सारे मजदूर, जो शहर छोड़कर अपने गांव लौटे थे वह वापस नहीं आए हैं। श्रमिकों की कमी से फैक्ट्रियों में उत्पादन पूरी क्षमता से नहीं हो रहा है।
बहुत सारी कंपनियों में मांग से कम उत्पादन हो रहा है। इसिलए मांग और आपूर्ति का संकट पैदा हो गया है। आंकड़ों के अनुसार, सप्लाई कर्मियों, ड्राइवरों, हाउसकीपर्स, सिलाई मशीन ऑपरेटर, वेल्डर, गोदाम में काम करने वाले कर्मचारी, इलेक्ट्रीशियन और क्रेन ऑपरेटरों की भारी कमी है। इसके साथ ही कुशल श्रमिकों की कमी ने हालात को और खराब करने का काम किया है। कपड़ा उद्योग में कुशल श्रमिकों की कमी से काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यही हाल वाहन, विनिर्माण, रियल एस्टेट समेत कई दूसरे सेक्टर में देखने को मिल रहे हैं।
2022 में स्थिति और गंभीर होने का अनुमान
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, 2022 में श्रमिकों की कमी से उद्योग जगत की स्थिति और गंभीर हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण में राहत मिलने से मांग बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इसके चलते विनिर्माण जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में भी श्रमिकों की जरूरतों में 10% की वृद्धि देखी जा सकती है। इससे नई हायरिंग में तेजी आएगी और सैलरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
हर तरह का जॉब मिलेगा
कंपनियों का कहना है कि अगर तीसरी लहर नहीं आती है तो अगले साल हर तरह की नौकरियों निकलेंगी। इसमें बड़े वेतन वाले (वाइट कॉलर) और ब्लू कॉलर (श्रमिक) जॉब शामिल होंगे। शहरी और ग्रामीण इलाके में मौजूद दोनों जॉब मार्केट में तेजी आ सकती है। इसके साथ ही कंपनियों का बैक टू ऑफिस प्लान यह भी दिखाता है कि बिजनेस कोरोना संकट के तीसरे चरण की वजह से बहुत अधिक प्रभावित होने की आशंका नहीं देख रहा है। कंपनियां अब अपने भविष्य की ग्रोथ के लिए अधिक से अधिक टैलेंट की भर्ती करना चाहती हैं।


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