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आपके नाम पर फर्जी सिम लेकर अपराधी खाली कर सकते हैं बैंक अकाउंट, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
Bhumika Sahu
27 Feb 2022 2:48 AM GMT
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सिम स्वैप के तहत अपराधी व्यक्ति के नाम पर फर्जी सिम बनवाकर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं कि यह क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौर में लोग अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन या लैपटॉप पर बिताते हैं. बड़ी संख्या में लोग अपना बैंक (Bank) से जुड़ा कामकाज भी ऑनलाइन करते हैं. ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं. देश में बैंक फ्रॉड (Bank Fraud) के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. अपराधी लोगों को अपने झांसे में फंसाकर कुछ मिनटों में उनका अकाउंट खाली कर लेते हैं. इसके लिए वे अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) का भी है. इसके तहत अपराधी व्यक्ति के नाम पर फर्जी सिम बनवाकर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं कि यह क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
सिम स्वैप (SIM swap) क्या है?
मोबाइल फोन एक सहूलियत वाला बैंकिंग का माध्यम होता है. व्यक्ति को मोबाइल के जरिए अकाउंट से संबंधित अलर्ट, वन टाइम पासवर्ड (OTP), यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर ((URN), 3D सिक्योर आईडी आदि मिलते हैं, जिनकी वित्तीय ट्रांजैक्शन और वित्तीय पूछताछ करने के लिए जरूरत पड़ती है.
सिम स्वैप या एक्सचेंज के तहत, अपराधी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के जरिए आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के लिए नया सिम कार्ड जारी करा लेता है. नए सिम कार्ड की मदद से, अपराधी को आपके बैंक अकाउंट के जरिए वित्तीय ट्रांजैक्शन करने के लिए जरूरी अलर्ट और URN/OTP मिल जाते हैं.
सिम स्वैपिंग या एक्सचेंज में दो फेज होते हैं. शुरुआत में, अपराधी आपकी सारी बैंकिंग डिटेल्स हासिल करने के लिए फिशिंग ईमेल भेजते हैं. इन डिटेल्स को ट्रोजन या मालवेयर का इस्तेमाल करके भी चुराया जा सकता है. अपराधी व्यक्ति की निजी डिटेल्स को हासिल करने की कोशिश करते हैं और आपकी आईडी को चुका या फर्जी आईडी दस्तावेज तक बना सकते हैं. इस सब जानकारी का इस्तेमाल करने के लिए, उन्हें आपके मोबाइल मैसेज के एक्सेस की जरूरत पड़ती है. और इसलिए वे सिम स्वैप करते हैं.
इन सेफ्टी टिप्स को करें फॉलो
सावधान रहें और अपने फोन के नेटवर्क कनेक्टिविटी स्टेटस को लेकर सतर्क करें. अगर आपको लगता है कि आपको लंबे समय से कोई कॉल या एसएमएस नोटिफिकेशन नहीं मिल रहे हैं, तो कुछ गलत हो सकता है और आपको अपने मोबाइल ऑपरेटर से यह जानकारी लेनी चीहिए कि कहीं आप इस फ्रॉड के शिकार तो नहीं हो गए हैं.
कुछ मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर्स ग्राहकों को सिम स्वैप पर अलर्ट करने के लिए एसएमएस भी भेजते हैं. इसका मतलब है कि आप तुरंत मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करके इस फ्रॉड को रोक भी सकते हैं.
अगर आपको कई परेशान करने वाले अनजान कॉल आ रहे हैं, तो अपने फोन को स्विच ऑफ नहीं करें. बल्कि कॉल का जवाब दें. यह आपको झांसे में फंसाने का जरिया हो सकता है, जिससे आप अपना फोन स्विच ऑफ कर लें और आपको पता नहीं चले कि आपकी कनेक्टिविटी के साथ छेड़छाड़ की गई है.
अलर्ट (एसएमएस और ईमेल) के लिए रजिस्टर कर लें, जिससे अगर आपके बैंक अकाउंट के साथ कुछ एक्टिविटी होती है, तो आपको अलर्ट मिल जाएगा.
हमेशा अपने बैंक स्टेटमेंट को चेक करें. इसके साथ नियमित तौर पर ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को भी देखें, जिससे आपको किसी अनियमितता की पहचान करने में मदद मिल सके.
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