बिज़नेस: स्विट्जरलैंड के बड़े बैंक क्रेडिट सुइस ने संयुक्त राज्य अमेरिका में गिरवी आवासों पर आधारित बॉन्ड से जुड़े निवेश के एक मामले को निपटाने के लिए 495 मिलियन डॉलर या तकरीबन चार हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है। साल 2008 के वित्तीय संकट के बाद आवासीय प्रॉपर्टी को गिरवी रखने के एवज में जारी प्रतिभूतियों (आरएमबीएस) के व्यवसाय से जुड़े ऋणदाताओं ने कानूनी मामलों को हल करने के लिए अरबों डॉलर का भुगतान किया था। ऐसा तब हुआ था जब गिरवी मकानों के बदले लोगों ने भुगतान करना कम कर दिया तब निवेशकों पर संकट के बादल छा गया और भारी नुकसान हुआ। अब स्विट्जरलैंड की सबसे बड़ी बैंक इन सब मामलों से आगे निकलना चाहती है। क्योंकि इसकी वजह से उसकी छवि को भारी नुकसान हुआ है और साथ ही उसे अरबों डॉलर कीमत चुकानी पड़ी है। न्यू जर्सी अटॉर्नी जनरल द्वारा लाया गया नए आरएमबीएस मामले में क्रेडिट सुइस पर आरोप लगाया गया था कि उसने निवेशकों को गुमराह किया था और आरएमबीएस की पेशकश और बिक्री के संबंध में धोखाधड़ी की थी या धोखाधड़ी में लिप्त था। अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने 2013 में दायर एक मामले में 3 अरब डॉलर या तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का दावा किया था। बता दें कि आरएमबीएस ऋण-आधारित प्रतिभूतियां हैं, जो बॉन्ड की तरह होती है। ये बॉन्ड्स होम लोन पर आधारित होते हैं।
बैंक पर मंडरा रहा है संकट: एक तरफ बैंक मामले निपटा कर अपनी साख बचाना चाहता है तो दूसरी तरफ उस पर खुद आर्थिक संकट मंडरा रहा है। क्रेडिट सुइस लगातार अपनी पुरानी देनदारियों और अमेरिका में चल रहे मुकदमों को निपटारे से जूझ रही है। उसके शेयर की कीमत पिछले 12 महीनों में आधी से कम हो गई है। साल 2008 के अमेरिकी आर्थिक संकट के बाद कई अमेरिकी एजेंसियों ने बैंक पर कई मुकदमे ठोके थे।