
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अगर कोई रियल एस्टेट (Real Estate) कंपनी डिफॉल्ट होती है तो होमबायर्स (Homebuyers) को बैंकों के मुकाबले प्राथमिकता मिलनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि अगर रियल एस्टेट कंपनी बैंक का कर्ज नहीं चुका पा रही है और होमबायर्स को पोजेशन भी नहीं दे रही है तो इन मामलों में घर खरीदारों को तवज्जो मिलनी चाहिए. कोर्ट के इस फैसले से लाखों होमबायर्स को राहत मिली है. सरकार ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में होमबायर्स को कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स का हिस्सा बना दिया है. कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स डिफॉल्टेड कंपनी के भविष्य के बारे में फैसला करता है. हालांकि, लिक्विडेशन के मामले में अभी तक उन्हें वरीयत नहीं दी गई थी. इसके कारण बिल्डर के डिफॉल्ट होने पर उनका सबकुछ लुट जाता था. कोर्ट के फैसले के बाद अब होमबायर्स को लिक्विडेशन में भी वरीयता मिल गई है.