व्यापार
कपास के किसान मिल सकती है बंपर पैदावार, 20% तक निर्यात भी बढ़ेगा
Apurva Srivastav
26 April 2021 10:30 AM GMT
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कपास के किसानों के लिए अच्छी खबर है
कपास के किसानों के लिए अच्छी खबर है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) ने अनुमान जताया है कि इस बार देश से कपास का निर्यात 20 फीसद तक बढ़ सकता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में कपास की बुआई शुरू हो गई है जो मई मध्य तक चल सकती है. सीएआई ने यह भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की महंगाई रहेगी जिससे भारत को निर्यात से फायदा मिलेगा.
पिछले साल (2019-20) के सीजन में भारत से 50 लाख गांठों का निर्यात हुआ था जो इस बार बढ़कर 60 लाख से ज्यादा होने की संभावना है. इस सीजन में 10 लाख से ज्यादा गांठों का निर्यात बढ़ सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की भारी मांग है और बाजारों में अच्छी कीमत भी देखी जा सकती है. अन्य देशों की तुलना में भारत की कपास सस्ती है, इसलिए बाकी देशों से भारतीय कपास की मांग बढ़ सकती है. इससे यहां के किसानों को बंपर फायदा होने की उम्मीद है. फिलहाल भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास के दामों में अंतर 10-15 परसेंट तक देखा जा रहा है.
कपास का बढ़ेगा उत्पादन
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अमेरिकी डॉलर के हिसाब से कपास की मूल्य निर्धारित होती है. 31 मार्च 2021 तक भारत से 43 लाख गांठों का निर्यात हो चुका है. सीएआई ने इस साल कपास की उपज में इजाफा होने की संभावना जताई है. देश के उत्तरी क्षेत्र में कपास की बंपर बुआई हुई है जिससे 360 लाख गांठों तक पैदावार बढ़ सकती है. फरवरी में जो अनुमान लगाया गया था, उससे कहीं ज्यादा इस बार पैदावार निकलने की संभावना है.
इस साल कितनी पैदावार
एक अनुमान के मुताबिक, 2020-21 में 360 लाख कपास की गांठें पैदा हो सकती हैं. देश के उत्तरी इलाके में डेढ़ लाख गांठ इस बार ज्यादा होने की संभावना है. हरियाणा, ऊपरी राजस्थान और निचले राजस्थान में इस सीजन उत्पादन बढ़ने की उम्मीद जताई गई है. पिछले साल भी देश में 360 लाख गांठों का उत्पादन हुआ था. निर्यात की जहां तक बात है तो अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 की अवधि में 459.26 लाख गांठों की सप्लाई हो चुकी है. देश के अंदर भी कपास की मांग बनी रहेगी और इसमें बढ़ोतरी की संभावना है.
कपास की कितनी होगी खपत
इस साल देश में 165 लाख गांठों की खपत हो सकती है. मार्च महीने तक देश में 251.26 लाख गांठों के स्टॉक की उम्मीद जताई गई थी जिसमें 95 लाख टेक्सटाइल मिल्स में और 156.26 लाख गांठें कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और महाराष्ट्र फेडरेशन के पास हैं. देश में लॉकडाउन के पहले जितनी कपास की मांग थी, इस साल उतनी मांग बने रहने की उम्मीद है. यह मात्रा 330 लाख गांठ की बताई जा रही है.
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