नई दिल्ली: ऊंची हाजिर मांग के कारण वायदा बाजार में गुरुवार को तांबे की कीमत 0.23 प्रतिशत बढ़कर 721.30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में, दिसंबर डिलीवरी वाले तांबे के अनुबंध की कीमत 1.65 रुपये या 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 721.30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जिसमें 5,235 लॉट का कारोबार हुआ। विश्लेषकों ने तांबे की कीमतों में वृद्धि का श्रेय प्रतिभागियों द्वारा दांव बढ़ाने को दिया।
ताजा सौदों से एल्युमीनियम वायदा कीमतों में तेजी हाजिर बाजार में सकारात्मक रुख के बीच सटोरियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली से गुरुवार को वायदा कारोबार में एल्युमीनियम की कीमत 0.2 प्रतिशत बढ़कर 202.90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में, दिसंबर डिलीवरी के लिए एल्यूमीनियम अनुबंध 40 पैसे या 0.2 प्रतिशत बढ़कर 202.90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया, जिसमें 3,648 लॉट का कारोबार हुआ। विश्लेषकों ने कहा कि उपभोक्ता उद्योगों की मांग के बीच व्यापारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली से वायदा बाजार में एल्युमीनियम की कीमतों को समर्थन मिला।
नरम मांग के कारण बिनौला तेल के वायदा भाव में गिरावट हाजिर बाजार में कमजोर रुझानों के बाद कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को कम किया, जिससे वायदा कारोबार में गुरुवार को बिनौला तेल खली की कीमत 20 रुपये की गिरावट के साथ 2,981 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में, दिसंबर डिलीवरी के लिए बिनौला तेल खली की कीमत 20 रुपये या 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,981 रुपये प्रति क्विंटल रह गई, जिसमें 41,220 लॉट के लिए खुला कारोबार हुआ। विश्लेषकों ने कहा कि बाजार में नरमी के रुख के बीच मौजूदा स्तर पर प्रतिभागियों की बिकवाली से मुख्य रूप से बिनौला तेल खली की कीमतों में गिरावट आई।
कम मांग के कारण ग्वार गम वायदा कीमतों में गिरावट हाजिर बाजार में कमजोर रुख के अनुरूप व्यापारियों ने अपने सौदों की कटान की, जिससे वायदा बाजार में गुरुवार को ग्वार गम की कीमतें 101 रुपये गिरकर 11,455 रुपये प्रति पांच क्विंटल रह गईं। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में, दिसंबर डिलीवरी के लिए ग्वार गम 101 रुपये या 0.88 प्रतिशत गिरकर 11,455 रुपये प्रति पांच क्विंटल रह गया, जिसमें 34,870 लॉट के लिए कारोबार हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि हाजिर बाजार में मांग में कमी और उत्पादक क्षेत्रों से पर्याप्त आपूर्ति के कारण ग्वारगम की कीमतों पर दबाव है।