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LIC में FDI का रास्ता साफ, 20% FDI की मंजूरी: केंद्रीय कैबिनेट

Admin Delhi 1
26 Feb 2022 10:16 AM GMT
LIC में FDI का रास्ता साफ, 20% FDI की मंजूरी: केंद्रीय कैबिनेट
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LIC में FDI के लिए रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। शनिवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकारी सूत्रों ने CNCB-TV18 को यह जानकारी दी है। मनीकंट्रोल डॉट कॉम ने शनिवार सुबह खबर दी थी कि कैबिनेट एलआईसी में एफडीआई की इजाजत देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। सूत्रों ने बताया कि अब ऑटोमैटिक रूट से एलआईसी में 20 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की इजाजत होगी। एफडीआई की मौजूदा पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है। एफडीआई की मंजूरी से फॉरेन फंड देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के आईपीओ में पैसे लगा सकेंगे। अभी एफडीआई की जो पॉलिसी है, उसके मुताबिक इंश्योरेंस सेक्टर में ऑटोमैटिक रूस से 74 फीसदी विदेशी निवेश की इजाजत है। लेकिन, यह रूल LIC पर लागू नहीं होता है। इसकी वजह यह है कि एलआईसी के लिए सरकार का अलग एक्ट है, जिसे LIC Act कहा जाता है। अब सरकार ने इसमें बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।


SEBI रूल्स के मुताबिक, पब्लिक ऑफर के तहत फॉरेने पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट (FPI) और फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट की इजाजत है। लेकिन, चूंकि LIC Act में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए इसके आईपीओ में फॉरेन फंड्स इनवेस्ट नहीं कर पाते। कैबिनेट के एफडीआई पॉलिसी में बदलाव करने के बाद अब फॉरेन फंड एलआईसी के आईपीओ में पैसे लगा सकेंगे। सरकारी बैंकों में एफडीआई की लिमिट 20 फीसदी है। इसलिए एलआईसी के लिए भी 20 फीसदी की लिमिट रखी गई है। सूत्रों ने बताया कि एफडीआई की इजाजत से एलआईसी के आईपीओ में फॉरेन इनवेस्टर्स अच्छी दिलचस्पी दिखा सकते हैं। पिछले साल जुलाई में कैबिनेट में एलआईसी के आईपीओ के प्रस्ताव को इजाजत दी थी। अब इस आईपीओ की तैयारी पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि मार्च में यह आईपीओ बाजार में आ जाएगा। सरकार इस इश्यू से 60 से 90 हजार करोड़ रुपये जुटा सकती है।

एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। लिस्टिंग के बाद एलआईसी देश की सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो जाएगी। इससे बड़ी सिर्फ दो कंपनियां होंगी-आरआईएल और टीसीएस। एलआईसी ने आईपीओ में अपने पॉलिसीहोल्डर्स के लिए शेयर रिजर्व रखने का फैसला किया है। कंपनी करीब 10 फीसदी शेयर पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व रख सकती है। उन्हें कंपनी शेयर के प्राइस में भी रिबेट दे सकती है। एलआईसी के करीब 29 करोड़ पॉलिसीहोल्डर्स हैं। इसके देशभर में करीब 12 लाख एजेंट्स हैं।


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