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भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेज बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था की ग्रोथ की उम्मीदों को नुकसान पहुंच रहा है. हालांकि, इसका असर पहले दो लहरों के मुकाबले कम रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेज बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था की ग्रोथ की उम्मीदों को नुकसान पहुंच रहा है. हालांकि, इसका असर पहले दो लहरों के मुकाबले कम रहा है. रॉयटर्स के मुताबिक, अर्थशास्त्री, जिसमें सिटीग्रुप इंक, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च प्राइवेट और ICICI बैंक लिमिटेड शामिल हैं, ने अपने जीडीपी अनुमान को घटा दिया है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक डेटा के मुताबिक, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के मार्च तक जारी वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, केंद्रीय बैंक द्वारा पहले उम्मीद की जा रही 9.5 फीसदी के मुकाबले कम है.
सिटी के अर्थशास्त्री समिरन चक्रवर्ती और बकार एम जैदी ने 9 जनवरी की एक रिसर्च रिपोर्ट में लिखा कि जहां मौजूदा तिमाही में ऑमिक्रोन के प्रकोप का आर्थिक असर कम रह सकता है. उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपना अनुमान 80 बेसिस प्वॉइंट्स घटाकर 9 फीसदी कर दिया था. और अगले साल की ग्रोथ के अनुमान को पहले के 8.7 फीसदी से 8.3 फीसदी पर ला दिया था.
अर्थव्यवस्था पर कम असर की उम्मीद
दक्षिण एशियाई देश में कोरोना के रोजाना के मामलों की संख्या दो हफ्ते पहले के करीब 6,500 से बढ़कर अब 1,70,000 से ज्यादा हो गई है. यह करीब दो साल पहले महामारी की शुरुआत से सबसे तेज बढ़ोतरी रही है. इसकी वजह से देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन की वापसी हुई है. चक्रवर्ती और जैदी ने लिखा कि कम रूकावटों को करने वाली कोरोना की लहर की उम्मीद करने के पीछे कई वजहें मौजूद हैं. उन्होंने आगे लिखा कि इनमें अस्पताल में भर्ती होने की कम दर, कोरोना लहर की साइकल की छोटी अवधि, ज्यादा टीकाकरण कवरेज और कोरोना और कामकाज के बीच घटता संपर्क शामिल है.
BofA सिक्योरिटीज इंक और Deutsche बैंक AG ने अभी अपने अनुमानों को बरकरार रखा है. उन्होंने कहा है कि कामकाज पर कुछ नकारात्मक असर की संभावना है, लेकिन रिकवरी भी इसकी तुलना में तेज रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि गिरावट से जुड़े जोखिम बढ़ रहे हैं, लेकिन उसे बताना बहुत जल्दी होगी.
लेकिन इस बात को लेकर बड़े स्तर पर सहमति है कि इस लहर का असर कम रहेगा. डीबीएस बैंक लिमिटेड की राधिका राव ने सोमवार को ब्लूमबर्ग टेलिविजन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि इसका असर मौजूदा तिमाही में दिखने की उम्मीद है. लेकिन बाद की लहरों का असर कम रहेगा.
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