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चित्रा रामकृष्ण को राहत मिलने की उम्मीद नहीं, ED की होगी एंट्री? जानें पूरा मामला
jantaserishta.com
12 April 2022 8:45 AM GMT
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नई दिल्ली: एनएसई (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra RamKrishna) और पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) एक महीने से ज्यादा समय से सीबीआई (CBI) की हिरासत में हैं. अब भी दोनों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. सीबीआई के बाद अब ईडी (ED) इन दोनों को एनएसई को-लोकेशन स्कैम (NSE Co-Location Scam) में हिरासत में लेने की तैयारी में है. इस मामले में पहले ही ईडी की कार्रवाई शुरू हो चुकी है.
ईडी ने एनएसई घोटाले (NSE Scam) को लेकर पिछले सप्ताह दिल्ली (Delhi) और गुरुग्राम (Gurugram) में तीन स्टॉक ब्रोकर्स (Stock Brokers) के दफ्तरों पर छापेमारी की. तीनों ब्रोकरों से जुड़े 9 परिसरों की तलाशी में ईडी ने 3.15 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की. कैश के साथ ही डिजिटल डिवाइसेज और मोबाइल फोन भी बरामद किए गए. ईडी इस बात की जांच कर रही है कि सेकेंडरी सर्वर से किस तरह पैसे जमा किए गए. इस मामले में ईडी पहले भी दिल्ली बेस्ड स्टॉक ब्रोकर ओपीजी सिक्योरिटीज (OPG Securities Pvt Ltd) की 39.19 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर चुका है.
एनएसई को-लोकेशन स्कैम में कुछ चुनिंदा ब्रोकर्स को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया था. इसकी जांच में सामने आया था कि ओपीजी सिक्योरिटीज नामक ब्रोकरेज फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए उसे को-लोकेशन फैसिलिटीज का एक्सेस दिया गया था. इस फैसिलिटी में मौजूद ब्रोकर्स को बाकियों की तुलना में कुछ समय पहले ही सारा डेटा मिल जाता है. सीबीआई का मानना है कि इस तरह एनएसई पर करोड़ों के वारे-न्यारे किए गए. यह स्कैम उसी समय शुरू हुआ था, जब चित्रा नंबर दो की हैसियत से प्रमोट होकर नंबर वन बनने के बेहद करीब थी. चित्रा के सीईओ बनने के बाद भी यह स्कैम चलता रहा था और तब आनंद उसका सबसे करीबी सहयोगी बन चुका था. सीबीआई इस मामले में उस अज्ञात योगी का कनेक्शन तलाश रही है, जिसके इशारे पर चित्रा एनएसई के सारे फैसले ले रही थी.
बाजार नियामक सेबी (SEBI) को 2016 में एनएसई में अनियमितता की शिकायत मिली थी. इसके बाद नियामक ने इसकी जांच शुरू की तो पता चला कि एनएसई की तत्कालीन सीईओ एवं एमडी चित्रा रामकृष्ण किसी अज्ञात योगी के इशारे पर सारे फैसले ले रही थी. एनएसई को-लोकेशन स्कैम के सिलसिले में 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीबीआई ने जांच के क्रम में पिछले महीने आनंद को उसके चेन्नई वाले घर से गिरफ्तार किया था. सीबीआई को शक है कि चित्रा को ईमेल पर सारे काम बताने वाला अज्ञात योगी कोई और नहीं बल्कि आनंद ही है. सीबीआई की तरह यह शक एनएसई को भी हुआ था. एनएसई ने सेबी के पास अपने सबमिशन में कहा था कि आनंद ही असल में योगी है और उसने ही ये फेक आइडेंटिटी तैयार की है. इस सिलसिले में सीबीआई को कुछ अहम सबूत भी हाथ लगे हैं.
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