व्यापार

चीनी कंपनियां देश में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को दूर करने के लिए करोड़ों रुपए किया दान

Apurva Srivastav
24 April 2021 2:41 PM GMT
चीनी कंपनियां देश में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को दूर करने के लिए करोड़ों रुपए किया दान
x
भारत COVID-19 के मामले में लगातार हो रही रिकॉर्ड वृद्धि के साथ एक बार फिर महामारी की गिरफ्त में है

भारत COVID-19 के मामले में लगातार हो रही रिकॉर्ड वृद्धि के साथ एक बार फिर महामारी की गिरफ्त में है. देश के चिकित्सा ढांचे में लगभग गिरावट आ चुकी है, जिसमें हर दिन अधिक से अधिक शहरों में अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन और तत्काल दवा की अत्यधिक कमी देखने को मिल रही है. ऐसे में अब वनप्लस और शाओमी जैसी कुछ टेक कंपनियां बोझ कम करने में मदद के लिए आगे आई हैं.

वनप्लस ने जहां COVID-19 आपात स्थितियों का सामना करने वाले लोगों की अपील को बढ़ाने के लिए एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया है. तो वहीं शाओमी ने कोरोना में लोगों की मदद के लिए 3 करोड़ रुपए का दान किया है. देश के कई अस्पतालों में COVID-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है और Xiaomi ने इसी के लिए 1,000+ ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने के लिए 3 करोड़ रुपए दान किए हैं.
कंपनी ने कहा है कि वह अस्पतालों या राज्य सरकारों को सिलेंडर दान करेगी जहां भी आवश्यकता अधिक है. जिन राज्य सरकारों को शाओमी ने मदद देने का ऐलान किया है उसमें दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल हैं. Xiaomi का कहना है कि यह रुपये जुटाने के लिए डोनेशन प्लेटफॉर्म GetIndia के साथ भी साझेदारी कर रहा है जिससे पूरे देश में COVID-19 श्रमिकों को समर्थन देने के लिए 1 करोड़ रुपए जुटाए जा सके.
डोनेशन पेज सभी प्रशंसकों, भागीदारों और ग्राहकों के लिए Mi.com पर लाइव होगा जो अपना योगदान दे सकते हैं. कंपनी का कहना है कि उसने धन जुटाने में मदद करने के लिए giveaways और सोशल मीडिया प्रचार के लिए आवंटित अपने बजट में कटौती की है.
वनप्लस ने बढ़ाया हाथ
OnePlus ने घोषणा की है कि वह COVID-19 पीड़ितों की मदद करने के लिए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेगा. एक ट्वीट में, कंपनी ने घोषणा की कि वह ट्विटर का उपयोग किसी भी कोविड-19 संबंधित अनुरोध या लीड को बढ़ाने के लिए करेगी, जो राहत की तलाश कर रहे मरीजों और परिवारों के लिए उपयोग किया जा सकता है.
बता दें कि, ट्विटर मदद की तलाश करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच रहा है. यहां तक ​​कि कुछ फेसबुक और वॉट्सऐप समूह भी सक्रिय रूप से स्वयंसेवा कर रहे हैं ताकि लोग ऑक्सीजन, अस्पताल के बेड या फंड की खरीद में मदद करने के लिए एक-दूसरे से जुड़ सकें.


Next Story