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भारत में छाया Koo ऐप, टॉप फ्री ऐप्स में बनाई अपनी जगह, और बढ़ रही लोकप्रियता

Gulabi
12 Feb 2021 11:08 AM GMT
भारत में छाया Koo ऐप, टॉप फ्री ऐप्स में बनाई अपनी जगह, और बढ़ रही लोकप्रियता
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माइक्रोब्लॉगिंग ऐप कू (Koo) यूजर्स के बीच तेजी से पॉप्युलर हो रहा है।

माइक्रोब्लॉगिंग ऐप कू (Koo) यूजर्स के बीच तेजी से पॉप्युलर हो रहा है। Koo को ट्विटर का इंडियन वर्जन बताया जा रहा है। कू ऐप अब ऐप स्टोर (App Store) पर भारत में टॉप फ्री ऐप्स में शामिल हो गया है। कू के को-फाउंडर का कहना है कि यह आत्मनिर्भर ऐप है। Koo ऐप ने अगस्त 2020 में भारत सरकार की तरफ से आयोजित आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज जीता था। एक फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर ने गुरुवार को एक ट्वीट के जरिए दावा किया था कि कू ऐप यूजर्स की सेंसिटिव इंफॉर्मेशंस को लीक कर रहा है।


Google Play Store में डाउनलोड्स 10 लाख के पार
पिछले कुछ दिनों में Koo ऐप के डाउनलोड्स तेजी से बढ़े हैं। Google Play Store पर इसके डाउनलोड्स कुछ ही दिनों में 10 लाख को पार कर गए हैं। कैबिनेट मिनिस्टर पीयूष गोयल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद, कर्नाटक के चीफ मिनिस्टर बी एस येदियुरप्पा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, क्रिकेटर अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ, ईशा फाउंडेशन के जग्गी वासुदेव, अभिनेत्री कंगना रनौत समेत कई दिग्गज Koo का इस्तेमाल कर रहे हैं।

चाइनीज कनेक्शन को लेकर भी उठे सवाल
ट्विटर पर एलियट एंडरसन नाम वाले सिक्योरिटी रिसर्चर ने कू ऐप की खामियों को उजागर किया था। उन्होंने पता लगाया था कि यह ऐप यूजर्स के फोन नंबर, ई-मेल आईडी, जेंडर, मैरिटल स्टेटस जैसे कई पर्सनल इंफॉर्मेशन को लीक कर रहा है। हालांकि, Koo की तरफ से सिक्योरिटी रिसर्चर के दावों का खंडन किया गया और कहा गया कि किसी भी यूजर का कोई डेटा लीक नहीं हुआ है। डेटा लीक के अलावा कू के चाइनीज कनेक्शन को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं। कू ऐप के को-फाउंडर और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्णा ने बताया है कि चाइनीज इनवेस्टर शुनवेई कैपिटल ने कू (Koo) और Vokal की पैरेंट कंपनी बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज में 2018 में पैसा लगाया था। राधाकृष्णा ने बताया है, 'शुनवेई ने शुरुआती ब्रांड Vokal में निवेश किया था। हमने अपने बिजनेस में Koo पर फोकस बढ़ाया है और अब शुनवेई बाहर निकलने वाली है। हम ट्रूली आत्मनिर्भर भारत ऐप हैं।'


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