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नए साल की शुरुआत से बैंक से जुड़े कुछ नियम बदलने वाले हैं. इन नए नियमों से ग्राहकों की राहत कम और परेशानी ज्यादा बढ़ेगी. ATM से फ्री लिमिट के बाद पैसा निकाला तो जेब ज्यादा कटेगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नए साल की शुरुआत से बैंक से जुड़े कुछ नियम बदलने वाले हैं. इन नए नियमों से ग्राहकों की राहत कम और परेशानी ज्यादा बढ़ेगी. ATM से फ्री लिमिट के बाद पैसा निकाला तो जेब ज्यादा कटेगी. एक बैंक तो ऐसा है जिसमें पैसा जमा करने पर भी शुल्क देना पड़ेगा, लेकिन सबसे अहम बात बैंक खातों को लेकर है. अगर खाते का KYC नहीं हुआ होगा तो वह फ्रीज हो जाएगा. दरअसल, RBI ने बैंकों और NBFC कंपनियों को ऐसे सभी ग्राहकों के अकाउंट को फ्रीज करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने KYC नियमों को पूरा नहीं किया है. KYC यानी अपने ग्राहक को जानें.
इन नियमों के तहत ग्राहक को अपनी पहचान और पते का प्रूफ बैंक या NBFC कंपनी को देना जरूरी है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि अकाउंट उसी ग्राहक का है, जिसकी पहचान और पते का प्रूफ बैंक के पास है. रिजर्व बैंक ने 31 दिसंबर तक KYC नियमों को लागू करने का समय दिया था. यानी बैंक खाते का KYC नहीं हुआ होगा तो पहली जनवरी से वह फ्रीज हो सकता है.
कुछ समय के बाद खत्म हो जाती है KYC की वैधता
यहां इस बात को जानना भी जरूरी है कि आपके बैंक खाते का KYC बहुत पहले हुआ है, तो भी नए साल से उसके फ्रीज होने का डर है. दरअसल, एक निश्चित समय के बाद केवाईसी वैधता खत्म हो जाती है. बैंकों ने लाखों ग्राहकों की केवाईसी वैधता खत्म होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका कारण महामारी की दूसरी लहर थी, लेकिन अब बैंक और दूसरी वित्तीय संस्थाएं कोई रियायत देने के मूड में नहीं हैं.
जो ग्राहक कम जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं, उन्हें हर 10 साल में केवाईसी अपडेट करवाने की जरूरत होती है. वहीं, ऊंचे जोखिम वाले ग्राहकों को हर दो साल में अपनी जानकारी को अपडेट करवाना होता है. इसके अलावा डोरमेंट या इनएक्टिव अकाउंट्स को अनफ्रीज या दोबारा चालू करने के लिए भी केवाईसी अपडेट कराने की जरूरत पड़ती है.
आपको बता दें कि केवाईसी नियमों को समय-समय पर अपडेट करना केवल बैंकों के लिए ही नहीं, बल्कि वित्तीय कंपनियों, म्यूचुअल फंड्स, ब्रोकिंग हाउसेस और डिपोजिटरीज के लिए भी अनिवार्य है. पैसों के लेनदेन में गड़बड़ी को रोकने के लिए आरबीआई ने केवाईसी नियमों को अपडेट करना अनिवार्य बनाया है.
नए साल में एटीएम से पैसा निकालना भी होगा महंगा
केवाईसी की अनिवार्यता के अलावा नए साल में एटीएम से पैसा निकालना महंगा हो जाएगा. ग्राहकों को फ्री ट्रांजेक्शन खत्म होने के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर ज्यादा चार्ज चुकाना पड़ेगा. अभी तक ग्राहकों से फ्री ट्रांजेक्शन खत्म होने के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर 20 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन चुकाने पड़ते थे. अब इस चार्ज को बढ़ाकर 21 रुपये कर दिया गया है.
इतना ही नहीं, एक बैंक ऐसा है जो नए साल से पैसा जमा करने पर भी शुल्क लेगा, हालांकि वह सामान्य बैंक नहीं बल्कि पेमेंट बैंक है, 1 जनवरी से इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) में पैसा जमा करने और निकालने पर चार्ज लगेगा.
सेविंग्स और करंट अकाउंट्स के लिए कैश विड्रॉल 25 हजार रुपये प्रति महीने तक फ्री है. फ्री लिमिट के बाद, वैल्यू का 0.50 फीसदी या न्यूनतम 25 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन का शुल्क लिया जाएगा. वहीं, कैश जमा 10 हजार रुपये प्रति महीने तक बिल्कुल मुफ्त हैं. मुफ्त लिमिट के बाद, वैल्यू का 0.50 फीसदी चार्ज लिया जाएगा, जो न्यूनतम 25 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन होगा.
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