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सोना-चांदी के कीमतों में बदलाव, जानिए आज का ताजा अपडेट

Triveni
13 Feb 2021 5:14 AM GMT
सोना-चांदी के कीमतों में बदलाव, जानिए आज का ताजा अपडेट
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सरकार बहुत जल्द गोल्ड मोनेटाइजेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने वाली है. इससे पहले यह पॉलिसी 2015 में लाई गई थी

जनता से रिश्ता वेबडेसक | सरकार बहुत जल्द गोल्ड मोनेटाइजेशन पॉलिसी (gold monetization policy) में बड़ा बदलाव करने वाली है. इससे पहले यह पॉलिसी 2015 में लाई गई थी लेकिन वह सफल नहीं रही. सरकार इसमें कुछ बड़े बदलाव कर सकती है. बदलाव यह हो सकता है कि अगर आप अपना सोना बैंक में रखेंगे तो उस पर ब्याज मिलेगा. बैंकों की बात करें तो देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सोने को लेकर पूनर्चित स्वर्ण जमा योजना (R-GDS) चला रहा है जो एक तरह की डिपॉजिट जमा योजना है.

स्टेट बैंक की इस योजना की कई विशेषताएं हैं. घरों में बड़े पैमाने पर सोना रखा हुआ है जिसका कोई उपयोग नजर नहीं आता. इस सोने को सही प्रयोग में लाकर उत्पादक बनाया जा सके, आर-जीडीएस योजना का बड़ा मकसद है. यह योजना घरों में बेकार पड़े हुए सोने पर ब्याज पाने का अवसर देता है. इसके तहत छोटी अवधि की बैंक जमा (एसटीबीडी) 1 से 3 साल के लिए है. मध्यम अवधि की सरकारी जमा (एमटीजीडी) 5 से 7 साल के लिए है.
क्या है यह योजना
ग्राहक चाहे तो ज्यादा दिनों के लिए भी जमा योजना का लाभ ले सकता है जिसकी अवधि 12 से 15 साल है. इसे दीर्घावधि सरकारी जमा या एलटीजीडी का नाम दिया गया है. R-GDS के तहत ग्राहकों को न्यूनतम जमा की मात्रा औप अधिकतम जमा की मात्रा भी तय की गई है. बैंक में कम से कम 30 ग्राम और अधिक से अधिक जितना चाहें, सोना जमा करा सकते हैं. व्यक्तिगत हैसियत से किसी एक नाम पर भी जमा कराने की सुविधा मिलती है.
कितना मिलेगा ब्याज
लघु अवधि की बैंक जमा पर एक साल के लिए 0.50 परसेंट सालाना ब्याज दिया जाता है. अपने सोने को अगर 1-2 साल के लिए बैंक में जमा कराते हैं तो इस पर 0.55 परसेंट का ब्याज मिलता है. सोने को 2 वर्ष से अधिक और 3 साल तक जमा कराते हैं तो 0.60 परसेंट का ब्जाज मिलता है. मध्यम अवधि सरकारी जमा या एमटीजीडी पर 2.25 परसेंट सालाना के हिसाब से ब्याज दिया जाता है. इसी तरह दीर्घावधि सरकारी जमा या एलटीजीडी पर भी 2.25 परसेंट प्रति वर्ष की दर से ब्याज दिया जाता है.
कौन जमा करा सकता है स्वर्ण
एमटीजीडी और एलटीजीडी के मामले में मूलधन राशि की गणना सोने में की जाएगी. हालांकि ब्याज हर साल 31 मार्च को या मैच्योरिटी पर रुपये में अदा किया जाएगा. जमा के समय सोने का भाव जिस दर पर होगा, उसी दर से स्वर्ण मूल्य की गणना की जाएगी. सिंगल या जॉइंट रूप से भी सोने को बैंक में जमा कराया जा सकता है. कोओपरेटिव या ट्रस्ट भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं. संयुक्त हिंदू परिवार (एचयूएफ) म्यूचुअल फंड, ट्रेडेड फंड, कंपनियां, चैरिटेबल संस्थान, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केंद्र सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कोई अन्य संस्था बैंक में अपना सोना जमा करा सकते हैं.
ये दस्तावेज देने होंगे
इस योजना के तहत स्वर्ण को कच्चे सोने के रूप में स्वीकार किया जाता है यानी कीमती पत्थरों और अन्य धातुओं को छोड़ सोने की छड़ें, आभूषण के रूप में सोने को जमा किया जाता है. सोना जमा कराने वाले ग्राहक को आवेदन फार्म, पहचान पत्र, पता प्रमाण पत्र और वस्तु-सूची फार्म जमा कराना होगा. एसटीबीडी में परिपक्वता की तारीख पर मूलधन राशि को स्वर्ण में या राशि को रुपये में चुनने का विकल्प मिलता है.
किस रूप में मिलेगा ब्याज
वही एमटीजीडी और एलटीजीडी में तत्कालिक स्वर्ण मूल्य के हिसाब से राशि दी जाती है या स्वर्ण के मूल्य के समान राशि में, भारतीय रुपयों में दिया जाता है. स्टेट बैंक के मुताबिक, इस योजना के तहत जमा पर ब्याज उस तारीख से लगाना शुरू होगा जब से जमा किए गए स्वर्ण को साफ करने के बाद खरीद-फरोख्त योग्य सोने की छड़ में बदला जाता है या स्वर्ण प्राप्त करने पर, दोनों में से जो भी पहले हो.


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