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साल 2020 में सोना ने 30 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया.
साल 2020 में सोना ने 30 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया. इसके कारण निवेशक इसमें निवेश को लेकर काफी आकर्षित हुए और बड़े पैमाने पर निवेश किया गया. इस साल इसकी कीमत पर दबाव दिख रहा है और पिछले कुछ महीनों में इसकी कीमत में 10 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक सुधार आया है. यही हाल चांदी की भी है. निवेश को लेकर यह सही समय है या नहीं, इसको लेकर कमोडिटी मार्केट के जानकारों का क्या कहना है, उसे समझते हैं.
कोरोना काल में दुनिया भर के निवेशकों ने सोना और चांदी में निवेश किया. इसके कारण इसके दाम बढ़ने लगे और अगस्त 2020 में सोना 56191 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर को पार कर गया था. इसी तरह चांदी भी 78000 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई थी. पिछले कुछ महीनों में इसमें काफी करेक्शन आया है. यह निवेश का सही समय है या अभी थोड़ा और इंतजार करना चाहिए, इस समय यह बड़ा सवाल है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सोना 47500 के ऊपर रहता है तो इसमें फिलहाल और गिरावट की संभावना नहीं है. बता दें कि MCX पर सोना ने 4 फरवरी को 46611 के सात महीने के न्यूनतम स्तर को छुआ था.
इंपोर्ट ड्यूटी कट से कीमत में सुधार
सोने में वर्तमान गिरावट को लेकर जानकारों का कहना है कि वैक्सिनेशन प्रोग्राम दुनिया भर में जारी है. इसके कारण औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आई है और निवेशक शेयर बाजार की तरफ आकर्षित हुए हैं. बता दें कि शेयर बाजार 51 हजार के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. इसके अलावा इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती के बाद भी इसकी कीमत में गिरावट आई है. जानकारों का कहना है कि अगर इसने 48500 का स्तर क्रॉस किया तो यह 50 हजार का स्तर आसानी से क्रॉस कर जाएगा.
डिलिवरी गोल्ड में फिर तेजी
इस समय MCX पर अप्रैल डिलिवरी वाला सोना 56 रुपए की तेजी के साथ 48004 रुपए और जून डिलिवरी वाला सोना 50 रुपए की तेजी के साथ 48110 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. ऐसे में पिछले चार कारोबारी सत्रों में सोना (4 फरवरी को 46611 ) करीब 1400 महंगा हो चुका है. इस बजट में सरकार ने गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी को 12.5 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी किया और फिर 2.5 फीसदी का एग्री इन्फ्रा सेस लगाया गया है.
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