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कोविड महामारी के दौरान रेलवे (Railway Budget) को हुए घाटे के बावजूद जानकार मानते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अपना चौथा बजट पेश करेंगी. वर्तमान केंद्र सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही रेल बजट को आम बजट (Budget 2022) में शामिल कर दिया था. अब रेलवे के लिए भी पैसा इसी बजट से दिया जाता है. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार इस बार रेलवे बजट में बढ़ोत्तरी करने जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार रेलवे के बजट में 15 से 20 फीसदी का इजाफा करेगी
नई रेल सुविधाओं के ऐलान की संभावना
बजट से पहले रेलवे से जुड़े कई सेक्टरों में उत्साह का माहौल है. रेलयात्रियों की ओर से कई तरह की मांगे भी की जा रही हैं. पांच राज्यों के चुनाव से पहले पेश होने वाले इस रेल बजट (Railway Budget 2022) में केंद्र सरकार आम यात्रियों से जुड़ी नई रेल सुविधाओं का ऐलान कर सकती है. हालांकि, रेलवे को पिछले एक साल में 26 हजार 338 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, जबकि पिछले साल केंद्र सरकार ने रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. इस बार का रेल बजट करीब ढ़ाई लाख करोड़ रुपये के रहने की उम्मीद है.
रेल किराया बढ़ाए जाने के आसार कम
कोविड महामारी के दौरान रेलवे को हुए घाटे के बावजूद जानकार मानते हैं कि इस साल बजट में रेल किराया बढ़ाए जाने के आसार कम ही हैं. रेलवे अपनी कमाई बढ़ाने के लिए किराया बढ़ाने को छोड़कर अन्य जो भी उपाय होगा, उस पर विचार कर रही है. कोविड काल में रेलवे की अधिकतर कमाई माल ढुलाई से हुई. इसलिए रेलवे की कोशिश है कि इसके लिए ढेर सारे अलग कॉरिडोर तैयार किए जाएं. इससे यात्री ट्रेनों पर प्रेशर भी घटेगा.
नई दिल्ली से वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन का ऐलान संभव
रेल बजट में लंबी दूरी की यात्रा के लिए करीब दस नई हल्की ट्रेन (एल्युमिनियम वाली) चलाने का ऐलान किया जा सकता है. चुनावी राज्यों और मेट्रो सिटी के रेल संपर्क को चुस्त करने की योजना बनाई जा रही है. इनके लिए सरकार कुछ प्राइवेट कंपनियों को शामिल कर सकती है. नई दिल्ली से वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन का भी ऐलान किया जा सकता है. गौरतलब है कि अहमदाबाद से मुंबई के बीच पहली बुलेट ट्रेन का काम पहले से चल रहा है.
रेलवे में सौर क्षमता का विकास की उम्मीद
बिजली और डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए, साथ ही कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए भारतीय रेलवे में सौर क्षमता का विकास किया जाएगा. साथ ही नेशनल रेल प्लान में 2030 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य घोषित किया जाने की संभावना है. पीपीपी मॉडल के माध्यम से स्टेशनों की बेहतरी के लिए पुनर्विकास परियोजनाओं का ऐलान हबो सकता है. इसके लिए 12 कॉरिडोर की पहचान हो चुकी है. कई कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई थी.
रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी के ऐलान की संभावना
इस साल सरकार रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाने का भी ऐलान कर सकती है, जो किराया के मसलों पर सरकार को सलाह देगी. देशभर में विभिन्न पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए तेजस जैसी और अधिक परियोजनाओं के विकास के लिए योजनाओं को क्रियान्वित किया जाना है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को तेजी से बढ़ाने का ऐलान किया जाएगा. इसके तहत ईस्ट-वेस्ट कॉरडिोर भुसावल से खड़गपुर होता हुआ डानकुनी तक और नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर इटारसी से शुरू होकर विजयवाड़ा तक का पहले ही ऐलान किया जा चुका है.
भारतीय रेलवे को 100 फीसदी ग्रीन रेल सेवा बनाने का प्रयास
पिछले रेल बजट के ऐलान के दौरान वित्तमंत्री ने राष्ट्रीय रेल योजना 2030 की भी घोषणा की थी. इस योजना के तहत रेलवे के विकास के लिए प्लान तैयार किया गया है. इसमें रेल सुविधाओं को नया रूप दिये जाने का ऐलान किया गया था. इसके लिए केंद्र ने एक लाख करोड़ के निवेश करने की बात की थी. दिसंबर 2023 तक रेलवे की बड़ी लाइन का 100 फीसदी विद्युतीकरण पूरा कर लिया जाएगा. इसी तरह टीयर-2 श्रेणी के दो शहरों और टीयर-1 श्रेणी के शहरों के बाहरी हिस्सों में मेट्रो रेल सिस्टम तैयार किया जा रहा है जिसके तहत भारतीय रेल 2030 तक दुनिया की पहली 100 फीसदी ग्रीन रेल सेवा हो जाए.
हाइपरलूप तकनीक को अपनाने के ऐलान की उम्मीद
इसके साथ ही केंद्र सरकार इस बार रेल बजट में हाइपरलूप तकनीक को अपनाने का ऐलान कर सकती है. इसमें यात्रियों को ले जाने वाले पॉड ट्यूब या सुरंगों के माध्यम से यात्रा की जाती हैं. ये तकनीक बुलेट ट्रेन से भी तीव्र है. बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार बड़े ऐलान कर सकती है. इस बजट में 500 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का ऐलान किया जा सकता है जिसे सरकार की ओर से कायाकल्प का नाम दिया जा सकता है
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