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प्याज :हाल ही में सरकार ने प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने और लोगों को राहत देने के उद्देश्य से 40% निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया था। लेकिन इस कदम के बाद प्याज उत्पादक और व्यापारी नाराज हो गए और हड़ताल पर चले गए। सरकार के इस प्रयास का उद्देश्य प्याज की उचित मूल्य निर्धारण में सहायक बनना था, जब टमाटर की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही हैं।
विशेष खरीद केंद्र
सरकार ने प्याज की खरीद को सुनिश्चित करने के लिए नासिक और अहमदनगर में विशेष खरीद केंद्र स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। महाराष्ट्र की प्याज मंडियों में हड़ताल के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है कि मंडियों की सामान्य गतिविधियाँ फिर से शुरू की जाएंगी।
किसानों को आश्वासन
मंडियों की हड़ताल के बाद केंद्र सरकार ने 2 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद के फैसले की घोषणा की है, और इसे प्रति क्विंटल 2,410 रुपये के हिसाब से किया गया है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस फैसले की घोषणा की और बताया कि सरकार किसानों से 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदेगी। यह कदम प्याज उत्पादकों को आराम की उम्मीद जगाता है।
निर्यात शुल्क और उपलब्धता
प्याज की आपूर्ति के मामले में, वित्त मंत्रालय ने 19 अगस्त को प्याज पर 40% निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया था, जो कीमत बढ़ने की आशंका के बावजूद घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
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