व्यापार

राज्यों की ओर से केंद्र सरकार लेगा 1.1 लाख करोड़ का कर्ज, जानिए है प्लान

Neha Dani
18 Oct 2020 6:19 AM GMT
राज्यों की ओर से केंद्र सरकार लेगा 1.1 लाख करोड़ का कर्ज, जानिए है प्लान
x
इसके साथ ही सरकार ने एक नया उधारी प्लान जारी कर दिया है

लंबे समय तक चर्चा और सोच विचार के बाद केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि वो राज्यों को GST के राजस्व (Revenue) में आई गिरावट की भरपाई के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी.

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से ये बताया गया है कि केंद्र सरकार स्पेशल विंडो के जरिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. जिसे राज्यों को GST मुआवजा सेस के बदले में एक के बाद एक लोन के तौर पर दिया जाएगा.

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि स्पेशल विंडो के तहत, सभी राज्यों को GST में 1.1 लाख करोड़ रुपए राजस्व नुकसान की भरपाई करने के लिए किस्तों में कर्ज के तौर पर लेगी. इससे भारत सरकार के राजकोषीय घाटा पर कोई असर नहीं होगा.

इसके साथ ही सरकार ने एक नया उधारी प्लान जारी कर दिया है, जिसमें इस कर्ज को भी शामिल किया गया है. RBI के साथ मिलकर इस नए कर्ज कैलेंडर को तैयार किया जा रहा है.

सरकार 19 अक्टूबर 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक 4,88,000 करोड़ रकम उधार लेगी. GST मुआवजे के लिए अतिरिक्त अमाउंट 55,000 करोड़ रुपये 3 साल और 5 साल की अवधि के लिए कर्ज लिया जाएगा.

पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने कहा था कि सरकार 4.34 लाख करोड़ रुपये दूसरी छमाही में कर्ज लेगी, ताकि कोरोना संकट की वजह से खर्चों की जरूरतों को पूरा किया जा सके, अब नए कर्ज के बाद दूसरी छमाही में कुल कर्ज बढ़कर 5.44 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.

आपको बता दें कि GST में कमी की भरपाई के​ लिए केंद्र ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे. इसके तहत या तो राज्य रिजर्व बैंक की ओर से स्पेशल विंडो के तहत 97,000 करोड़ कर्ज ले सकते थे या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपए का कर्ज ले सकते थे.

इस महीने हुई GST काउंसिल की बैठक के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि राज्यों को मुआवजे के भुगतान के लिए पर्याप्त मात्रा में सेस नहीं है. ये ऐसी स्थित है, जिसकी हमने कभी परिकल्पना नहीं की थी. अब राजस्व की कमी उधार लेकर ही पूरी होगी. वित्तमंत्री ने कहा कि सेस को 5 साल के लिए टाल दिया गया है. अब राज्यों को ये कर्ज सेस के जरिए चुकाना होगा. इससे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा.


Next Story