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दक्षिण भारत में आज से सीमेंट महंगा हो गया है. सीमेंट कंपनियों ने दक्षिण भारत में सीमेंट के दाम में 30 रुपये प्रति बैग का इजाफा किया है. सीमेंट की बढ़ी हुई कीमतें आज से लागू हो गई हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दक्षिण भारत में आज से सीमेंट महंगा हो गया है. सीमेंट कंपनियों ने दक्षिण भारत में सीमेंट के दाम में 30 रुपये प्रति बैग का इजाफा किया है. सीमेंट की बढ़ी हुई कीमतें आज से लागू हो गई हैं. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों में आज से सीमेंट महंगा हो गया है. दाम बढ़ने की खबर से से सीमेंट कंपनियों के शेयरों में तेजी दर्ज की गई है. कीमत में बढ़ोतरी की वजह इनपुट कमोडिटी की लागत दबाव जैसे कोयला और डीजल के साथ बढ़ती डिमांड को बताया गया है.
सीमेंट कंपनियां इंडिया सीमेंट, ओरिएंट सीमेंट, एनसीएल इंडस्ट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट ने सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी की है. छोटी से लेकर बड़ी कंपनियों तक ने दाम में बढ़ोतरी की है. कीमतों में इजाफा से कारोबार के दौरान सीमेंट कंपनियों के शेयरों में 4 फीसदी तक तेजी आई है.
आपको बता दें कि रियल एस्टेट बिल्डरों के निकाय कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने हाल ही में सीमेंट और स्टील सहित कच्चे माल की कीमत में निरंतर बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की थी. क्रेडाई ने कहा था कि निर्माण की बढ़ी हुई लागत की भरपाई के लिए घर की कीमतों में 10-15 फीसदी तक बढ़ सकती हैं. इसने मांग की थी कि सरकार को कच्चे माल की कीमतों को नियंत्रित करने के उपाय करने चाहिए और इस उद्देश्य के लिए जीएसटी में कमी का सुझाव दिया था.
सीमेंट की डिमांड में मजबूत ग्रोथ
सीमेंट की डिमांड में इस वित्त वर्ष के पहले भाग में 20 फीसदी से ज्यादा की मजबूत ग्रोथ देखी गई है. लेकिन दूसरे भाग में इसके घटकर 3 से 5 फीसदी तक आने की संभावना है. इसके पीछे मुख्य वजह ज्यादा बेस इफैक्ट है, जो इस वित्त वर्ष में 11 से 13 फीसदी की ग्रोथ दिखाता है.
हाल ही में क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कीमतों में बढ़ोतरी के बीच सीमेंट कंपनियों का अर्निंग बिफॉर इंट्रस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमोर्टाइजेशन (एबिटा) इस वित्त वर्ष में 100-150 रुपये प्रति टन गिर सकता है, जिसकी वजह बढ़ती इनपुट की लागत है.
सीमेंट सेल की वॉल्यूम में इस वित्त वर्ष में 11 से 13 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जो कम बेस पर है. इससे बड़े तौर पर कीमतों के दबाव के असर से निपटा जा सकेगा और क्रेडिट प्रोफाइल को स्टेबल रखा जा सकेगा. एजेंसी ने इसमें 17 सीमेंट कंपनियों का विश्लेषण किया है, जिनकी भारत में 75 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी है.
सीमेंट वॉल्यूम में ग्रोथ अलग-अलग सेगमेंट में बेहतर डिमांड की वजह से होगी, जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग और इंडस्ट्रीयल शामिल हैं. हालांकि, ओमिक्रॉन का असर सीमेंट सेक्टर पर पड़ सकता है.
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