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नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को ओएनजीसी के पूर्व डिप्टी जनरल मैनेजर (डीजीएम) और अन्य के खिलाफ जालसाजी के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। पूर्व डीजीएम बिजॉय कुमार शॉ, संविदा चिकित्सा अधिकारी एशित्व तामुली और किरण फिजियोथेरेपी क्लिनिक के मालिक जादुमोनी हजारिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ओएनजीसी स्वास्थ्य सुविधाओं के सेवानिवृत्त लाभार्थियों और उनके आश्रितों के नाम पर उनकी जानकारी के बिना तथा यहां तक कि मरने वाले लाभार्थियों के नाम पर भी फिजियोथेरेपी के लिए जरूरी पर्ची तैयार की थी।
सीबीआई ने कहा कि हजारिका ने झूठे और फर्जी बिलों का दावा किया, जिन्हें शॉ द्वारा सत्यापित और प्रमाणित किया गया था। जिसके परिणामस्वरूप किरण फिजियोथेरेपी क्लिनिक को 19,15,080 रुपये का फर्जी भुगतान हुआ।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के गुवाहाटी, जोरहाट और देहरादून सहित सात स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। पूर्व डीजीएम के नाम छह संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
--आईएएनएस
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