नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म (आईटीआर फॉर्म) जारी कर दिया है। सीबीडीटी ने बताया कि ये आईटीआर फॉर्म 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे और आगामी आकलन वर्ष की शुरुआत से रिटर्न जमा करने में सक्षम बनाने के लिए इन्हें काफी पहले ही अधिसूचित कर दिया गया है। करदाताओं की सुविधा और आईटीआर जमा करने में आसानी के लिए पिछले साल के फॉर्म की तुलना में इस बार कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है। आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधनों के कारण जरूरी न्यूनतम परिवर्तन किए गए हैं।
आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म- 4 (सुगम) सरल फॉर्म हैं, जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए हैं। सहज फॉर्म 50 लाख रुपए तक की आय वाले और वेतन, एक गृह संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) और 5 हजार रुपए तक कृषि आय प्राप्त करने वाले निवासी व्यक्ति की ओर से जमा किया जा सकता है। वहीं, सुगम फॉर्म को वैसे व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और प्रतिष्ठानों (सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के अलावा) की ओर से जमा किया जा सकता है, जिन निवासियों की कुल आय 50 लाख रुपए तक है और व्यवसाय व पेशे से प्राप्त आय को धारा 44एडी, 44एडीए या 44एई के तहत गणना की जाती है।
ऐसे व्यक्ति और एचयूएफ जिनकी व्यवसाय या पेशे से आय नहीं है (सहज जमा करने के पात्र नहीं हैं), वे आईटीआर फॉर्म- 2 जमा कर सकते हैं और व्यवसाय या पेशे से आय रखने वाले आईटीआर फॉर्म- 3 जमा कर सकते हैं। व्यक्तियों, एचयूएफ और कंपनियों जैसे कि साझेदारी प्रतिष्ठान, एलएलपी आदि के अलावा अन्य व्यक्ति आईटीआर फॉर्म- 5 जमा कर सकते हैं। धारा- 11 के तहत छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियां आईटीआर फॉर्म 6 जमा कर सकती हैं। वहीं, अधिनियम के तहत छूट प्राप्त आय का दावा करने वाले न्यास, राजनीतिक दल, धर्मार्थ संस्थान आदि आईटीआर फॉर्म- 7 जमा कर सकते हैं। आईटीआर जमा करने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इस साल न केवल सभी आईटीआर फॉर्मों को समय पर अधिसूचित किया गया है, बल्कि पिछले वर्ष की तुलना में आईटीआर फॉर्म भरने के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया गया है।