व्यापार
देशभर में भारत व्यापार क्रांति रथ चलाएगा कैट, विदेशी कंपनियों की घुसपैठ के खिलाफ
Shiddhant Shriwas
5 Oct 2021 10:52 AM GMT
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शंकर ठक्कर ने कहा कि यदि 10 नवंबर तक नियम लागू नहीं होते हैं तो उसके तुरंत बाद देशभर में एक राष्ट्रीय अभियान छेड़ा जाएगा,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ई-कॉमर्स में बड़ी विदेशी कंपनियों की घुसपैठ को देश के ई-कॉमर्स एवं रिटेल व्यापार के लिए एक नासूर बताया गया है. देशभर के प्रमुख व्यापारी नेताओं ने 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को वाराणसी में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की राष्ट्रीय गवर्निंग कॉउंसिल की एक बैठक की. इस बैठक में पारित किए गए एक सर्वसम्मत प्रस्ताव में कहा गया कि विदेशी कंपनियां देश के नियमों एवं कानूनों का खुला उल्लंघन कर रही हैं लेकिन किसी भी सरकारी विभाग ने उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, जो बेहद शर्मनाक है.
मीटिंग में 152 व्यापारी नेता हुए शामिल
बैठक में कहा गया कि ई-कॉमर्स को लेकर प्रस्तावित नियम तो बना दिए लेकिन उन्हें चर्चा और विचार से आगे बढ़ाया ही नहीं जा रहा है. जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं कोई दबाव सरकार पर काम कर रहा है. जबकि रोज इन विदेशी कंपनियों की अस्वस्थ व्यापारिक पद्धतियों से देश के व्यापारी विकट स्तिथि का सामना कर रहे हैं. प्रस्ताव में कहा गया है की ऐसा लगता है देश के व्यापारियों की जगह विदेशी कंपनियों की चिंता ज्यादा हो रही है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण नीति आयोग द्वारा उठाई गई निरर्थक आपातियां हैं. इस दो दिवसीय मीटिंग में देश के 28 राज्यों के 152 प्रमुख व्यापारी नेता शामिल हुए थे.
राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने की दी धमकी
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि बैठक में पारित एक अन्य सर्वसम्मत प्रस्ताव में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया गया है कि आगामी 10 नवम्बर से पहले उपभोक्ता कानून में प्रस्तावित नियम विदेशी कंपनियों को चोर दरवाजा दिए बिना लागू किये जाएं अन्यथा मजबूर होकर देश के व्यापारियों को एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ना पड़ेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी की अपील की अवहेलना का लगाया आरोप
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि बड़ी विदेशी कंपनियां सरेआम 2015 से ई-कॉमर्स नियम एवं नीति का खुला उल्लंघन कर रही हैं और जीएसटी की वंचना कर रही हैं. उनके खाते अनेक प्रकार की अनियमितताओं से भरे पड़े हैं और अनेक बार शिकायतें करने के बाद भी सभी आंखों पर पट्टी और कानों में रुई डाल कर बैठे हैं. बेहद आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत का आव्हान और छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने की बार-बार अपील पर भी सरकार के किसी विभाग का कोई ध्यान नहीं है. देश का व्यापारी दुर्दशा के गड्डे में गिरा जा रहा है लेकिन न जाने किन कारणों के तहत इस खुली लूट पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है.
10 नवंबर तक का दिया समय
शंकर ठक्कर ने यह भी बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी निकट समय में नवरात्रि, दिवाली सहित विभिन्न त्योहारों को देखते हुए यदि 10 नवंबर तक नियम लागू नहीं होते हैं तो उसके तुरंत बाद देश भर में एक राष्ट्रीय अभियान छेड़ा जाएगा, जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से होगी. इस अभियान के अंतर्गत एक डिजिटल रथ "भारत व्यापार क्रान्ति रथ" के रूप में देश के सभी राज्यों के प्रत्येक जिलों, शहरों एवं गांवों में चलाए जाएंगे और देश भर में यह बताया जाएगा कि किस प्रकार बड़ी विदेशी कंपनियां देश के व्यापार एवं लघु उद्योग को अपना गुलाम बनाने की साजिश कर रही है.
उन्होंने बताया कि कैट ने इस अभियान के लिए विशेष रूप से एक स्लोगन "भारत का व्यापार हमारा है -सम्पूर्ण क्रांति अब नारा है" के तहत यह अभियान देश भर में चलाया जाएगा. इस प्रकार के डिजिटल रथ देश के सभी राज्यों में घूमेंगे. इसी बीच कैट के ई-कॉमर्स पर हल्ला बोल अभियान जो 15 अक्टूबर तक देश में चलने वाला था, उसे अब 10 नवंबर तक देशभर में चलाया जाएगा.
अलग-अलग राज्यों से शामिल होंगे कमेटी के सदस्य
कैट के महानगर वाइस चेयरमैन दिलीप माहेश्वरी ने बताया कि इस अभियान को देशभर में चलाने के लिए कैट के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रजमोहन अग्रवाल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें उत्तर प्रदेश से संजय गुप्ता, राजस्थान से सुरेश पाटोदिया, महाराष्ट्र से सचिन निवगुने, पश्चिम बंगाल से आर पी खेतान, मध्य प्रदेश से रमेश गुप्ता, उत्तर पूर्वी राज्यों से प्रकाश बैद, गुजरात से प्रमोद भगत, जम्मू-कश्मीर से नीरज आनंद, तमिलनाडु से विक्रम राजा, पॉन्डिचेरी से एम शिवाशंकर, बिहार से अशोक वर्मा, झारखण्ड से सुरेश सोंथालिया एवं छत्तीसगढ़ से जीतू दोषी इस कमेटी के सदस्य होंगे.
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