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विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों का विरोध करने के लिए कैट करेगा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, 28 मार्च को किया जाएगा प्रदर्शन

Gulabi
26 March 2021 2:23 PM GMT
विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों का विरोध करने के लिए कैट करेगा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, 28 मार्च को किया जाएगा प्रदर्शन
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विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां

भारत के ई कॉमर्स व्यापार को बेहद दूषित करने और अपनी मनमानी करते हुए सरकार के नियम और नीति की लगातार अवहेलना पर जबरदस्त विरोध प्रकट करने के लिए कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने होली के त्यौहार पर पारम्परिक रूप से होलिका दहन कार्यक्रम में इस बार 28 मार्च को देश भर में व्यापारी संगठनों द्वारा विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के पुतले जलाने की घोषणा की थी. इस घोषणा के तुरंत बाद कोविड महामारी के तेजी से बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने एतियाहत के तौर पर कोविड दिशानिर्देश लागू किए हैं.


कोविड दिशानिर्देशों के अंतर्गत किसी भी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाया गया है. इस अचानक से बनी स्तिथि को देखते हुए कैट ने कोविड दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपने पुतला जलाने के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव कर टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए विरोध प्रदर्शित करने का एक अनोखा तरीका अपनाया है जो संभवतः विश्व में पहली बार कोई संगठन इस तरीके से विरोध दर्ज कराएगा. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अपनी तरह के इस खास विरोध प्रदर्शन के बारे में बताते हुए कहा कि अब यह विरोध प्रदर्शन वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से होगा जिसमें देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेता जुड़ेंगे और एक साथ एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के पुतले जलाएंगे.

28 मार्च को होगा विरोध प्रदर्शन
इस सम्बन्ध में कैट ने देश भर के व्यापारी संगठनों से आग्रह किया है कि 28 मार्च को वीडियो कांफ्रेंस पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए व्यापारी एमेजॉन और फ्लिपकार्ट का पुतला जलाएं. कैट ने व्यापारी संगठनों को भेजे एक सन्देश में कहा है, "आपको केवल इतना करना है कि या तो बाजार से बने बनाये दो पुतले खरीद लें या अपने घर में लगभग 18 इंच या 24 इंच के दो पुतले तैयार कर लें और एक पुतले पर एमेजॉन और दूसरे पुतले पर फ्लिपकार्ट बड़े-बड़े शब्दों में लिख लें या एक पुतले पर एमेजॉन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेफ बेजोस का फोटो लगा लें और जब वीडियो मीटिंग में कहा जाए तब दोनों पुतले एक साथ जला दें."

भरतिया और खंडेलवाल ने इस विरोध प्रदर्शन को ऐतिहासिक और इनोवेटिव बताते हुए कहा कि अपनी तरह का विरोध दर्ज कराने का यह एक नया तरीका होगा जिसमें टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करते हुए पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक के सभी राज्यों में व्यापारी संगठन एक साथ एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के पुतले जलाएंगे. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विश्व में विरोध के इतिहास में कैट एक नया अध्याय लिखेगा और पूरे विश्व को पता लगेगा की यदि परिस्थितियां अनुकूल न हों तब टेक्नॉलजी भी विरोध का मजबूत हथियार बन सकती है .

एमेजॉन के इस बयान पर आई प्रतिक्रिया
कल केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा ई कॉमर्स के मुद्दे पर आयोजित की गई बैठक में एमेजॉन के कथनों को बेहद हास्यास्पद बताते हुए भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि जो लोग लगातार कानून का उल्लंघन कर रहे हैं उन लोगों का सरकार को उपदेश देना ऐसा है जैसे खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे. एमेजॉन ने कहा कि नीति में बदलाव भारत में विदेश निवेश को हतोत्साहित करेगा जो बेहद तर्कहीन है. एमेजॉन जैसी कंपनियों में विदेशी निवेश उनकी अपनी कंपनी में देश के नियम और कानून तोड़ने के लिए किया जाता है. इस प्रकार के विदेशी निवेश से देश को कोई फायदा नहीं है बल्कि ये कंपनियां भारत में व्यापार कर उसका सारा लाभ अपने देश में ले जाती हैं.

एमेजॉन का यह कहना कि उसने डेढ़ लाख नए व्यापारी अपने पोर्टल पर जोड़े हैं बिलकुल बेहूदा तर्क है. सवाल यह है कि इन व्यापारियों में से कितनों को एमेजॉन से व्यापार मिलता है. यह सर्वविदित है कि एमेजॉन पर होने वाली कुल बिक्री का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा एमेजॉन की चहेती केवल 35 कंपनियों के जरिये से होता है, देश के व्यापारियों को इसका क्या फायदा मिलता है?

कैट के राष्ट्रीय वाईस चैयरमैन ब्रजमोहन अग्रवाल और राष्ट्रीय मंत्री सुमित अग्रवाल ने कहा कि एफडीआई नीति के प्रेस नोट में यह साफ किया गया है कि ई कॉमर्स पोर्टल पर माल बेचने वाले प्रत्येक विक्रेता का पूरा विवरण पोर्टल पर लिखा जाना जरूरी है लेकिन एमेजॉन पर आज भी जो आर्डर दिए जाते हैं वो सीधे एमेजॉन के पास जाते हैं और फिर वो तय करता है कि आर्डर किस विक्रेता को दिया जाए और यह सारे आर्डर एमेजॉन की चहेती कंपनियों को दिए जाते हैं. यह साफ तौर पर सरकार की नीति का उल्लंघन है.

दोनों व्यापारी नेताओं ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल से जोरदार शब्दों में मांग की है कि प्रेस नोट 2 को बदल कर नया प्रेस नोट जारी किया जाए और विदेशी कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए कड़े प्रावधान लाये जाएं जिनका कड़ाई से पालन हो और यदि कोई उसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए.


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