कार का माइलेज चीजों पर निर्भर करता है, किन गलतियों का रखें ध्यान
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अगर आपके पास भी कार है तो आप भी यह सोचते होंगे कि कार का माइलेज किस तरह से बढ़ाया जा सके. इसके लिए आप कई बार मैकेनिक के यहां भी गए होंगे और कई लोग तो इसके लिए पेट्रोल पंप मालिकों को भी दोषी ठहराने लगते हैं. लेकिन, कार का माइलेज चीजों पर निर्भर करता है, जिसमें एक स्पीड भी अहम हिस्सा है. कार का माइलेज स्पीड से भी बदला जा सकता है और इसे बढ़ाया या कम किया जा सकता है.
ऐसे में जानते हैं कि आखिर कार की स्पीड से माइलेज पर क्या असर होता है और किस तरह से इसे बदला जा सकता है? साथ ही जानते हैं कि कार की वो कौनसी स्पीड है, जिसमें हिसाब से गाड़ी चलाएं तो कार का माइलेज बढ़ सकता है… जानते हैं इस माइलेज से जुड़ी हर एक बात…
किस पर आधारित है कार का माइलेज?
जब भी आप कार चलाते हैं तो स्पीड के लिए पावर की आवश्यकता होती है और यह भी कार माइलेज में अहम भूमिका निभाती है. साथ ही रोड लोड पावर टायर के फ्रीक्शन (जिन पर बार बार ब्रैक लगाने और व्हील बेयरिंग से असर पड़ता है), टायर के घूमने की स्पीड और हवा की डेंसिटी, फ्रोंट्रल एरिया आदि पर निर्भर करता है. यह जितना होता है, उतना ही फ्यूल का इस्तेमाल ज्यादा होता है. जैसे सिटी में कार चलाते हैं तो आप भले ही ज्यादा किलोमीटर नहीं जाते हैं, लेकिन बार बार ब्रैक आदि के इस्तेमाल से लोड पावर बढ़ जाता है.
किस स्पीड में चलानी चाहिए कार?
वैसे तो जब भी कार चलाते हैं तो अगर आपको बार बार ब्रैक, क्लच आदि का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है तो कार का माइलेज बढ़ता है. लेकिन, ऐसा सिटी में संभव नहीं है. इसलिए माना जाता है कि अगर आप किसी शहर में कार चला रहे हैं तो 40-50 की स्पीड में गाड़ी चलानी चाहिए. लेकिन, अगर लंबे समय तक पांचवे गियर में गाड़ी चला रहे हैं तो आपको कार की स्पीड ज्यादा रखनी चाहिए. अगर आप हाइवे ड्राइव पर है और 80-90 की स्पीड में गाड़ी चला रही है तो स्पीड के आधार पर आपका माइलेज बढ़ जाएगा. अब इसका एक्सपेरिमेंट कार में लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर में भी देख सकते हैं.
किन गलतियों का रखें ध्यान
अगर आपकी कार की सर्विसिंग समय-समय पर नहीं होती है तो गाड़ी के अंदरूनी पार्ट्स में दिक्कतें आ सकती हैं. इसलिए गाड़ी हैवी चल सकती है. उस दौरान ईंधन की भी ज्यादा खपत होती है, जिससे माइलेज गिरता है. साथ ही गर्मियों में अक्सर लोग गाड़ी स्टार्ट करते ही तुरंत एसी चला देते हैं. उस वक्त इंजन ठंडा होता है और गाड़ी स्टार्ट करने पर एसी तुरंत चलाने से इंजन पर अतिरिक्त दवाब पड़ता है इससे माइलेज कम होता है. स्पीड के अनुसार गियर बदलें. इससे कार की माइलेज बढ़ेगी और इंजन से अनावश्यक आवाज नही आएगी.