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कर्मचारियों से लिए जाने वाला कैंटीन चार्ज अब वस्तु एवं सेवा कर के दायरे से बाहर आएगा, जाने

Bhumika Sahu
20 Oct 2021 7:23 AM GMT
कर्मचारियों से लिए जाने वाला कैंटीन चार्ज अब वस्तु एवं सेवा कर के दायरे से बाहर आएगा, जाने
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कर्मचारियों से लिए जाने वाला कैंटीन चार्ज अब वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे से बाहर आएगा. यह इससे संबंधित आए एक फैसले से पता चला है. इससे कई बड़ी औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को थोड़ी राहत मिलेगी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कर्मचारियों से लिए जाने वाला कैंटीन चार्ज अब वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे से बाहर आएगा. यह इससे संबंधित आए एक फैसले से पता चला है. इससे कई बड़ी औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को थोड़ी राहत मिलेगी. हाल ही के एक फैसले में, गुजरात अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) ने कहा कि कर्मचारियों से कैंटीन चार्ज के तौर पर ली जाने वाली राशि, जिसका भुगतान कैंटीन में सर्विस देने वाले को किया जाता है, उस पर जीएसटी नहीं लागू होगा.

टैक्स के जानकारों का कहना है कि यह कई कंपनियों के लिए विवाद का मामला रहा है, जो मौजूदा कानून के मुताबिक, कैंटीन चलाती रही हैं. ज्यादातर मामलों में, कर्मचारियों से एक टोकन अमाउंट ली जाती है. AAR ने फैसला लिया कि उन मामलों में, जहां कंपनी इस राशि पर कोई मुनाफा नहीं कमा रही है. और वह केवल एक इंटरमीडियरी के तौर पर काम कर रही है, उनमें जीएसटी नहीं लगाया जा सकता है. इससे पहले के दो AAR के फैसलों में, दो अलग-अलग अथॉरिटीज ने अलग फैसले सामने रखे थे.
मामले को लेकर इससे पहले भी लिए गए थे फैसले
टाटा मोटर्स के मामले में, AAR ने फैसला दिया था कि ऐसी राशि पर जीएसटी लागू नहीं होगा. जबकि Amneal फार्मास्युटिक्लस के केस में, फैसले में एक अलग राय रखी गई थी. एक्सर्ट्स के मुताबिक, कर्मचारियों के लिए कैंटीन सेवाओं का प्रावधान और उस पर जीएसटी का भुगतान पूरी इंडस्ट्री में एक चर्चा का विषय रहा है और इस पर आवेदक के पक्ष और विपक्ष में कई फैसले सुनाए जा चुके हैं. उन्होंने आगे कहा कि अलग-अलग अथॉरिटीज से अलग मत को देखते हुए, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स की ओर से उपयुक्त सफाई से इस मामले को सुलझाया जा सकता है. और इससे इंडस्ट्री को एक साफ मत अपनाने में मदद मिलेगी.
मामले को लेकर रहा है कन्फ्यूजन
कैंटीन पर जीएसटी और कंपनियों को उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट ने इससे पहले भी दुविधा की स्थिति को पैदा किया था. 2018 में, सरकार ने कहा था कि बैंक सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा भुगतान किए गए लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के इनपुट टैक्स क्रेडिट को ले सकते हैं. अस्पताल नर्सों द्वारा भुगतान किए गए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के क्रेडिट को ले सकते हैं. इसके अलावा कंपनियां कैंटीन फीस के क्रेडिट के क्रेडिट को ले सकती हैं. इसके बावजूद, सरकार की सफाई का यह भी मतलब था कि कुछ मामलों में कैंटीन चार्ज पर जीएसटी लगाया जा सकता है. टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपवाद का मतलब है कि किसी एंप्लॉयर द्वारा उपलब्ध की गई किसी सर्विस, जो कानून के तहत मान्य हो, वह इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए योग्य होगी.


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