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कनाडा की कोर्ट ने दिया भारत सरकार के खिलाफ ऑर्डर, लाखों डॉलर की संपत्तियां जब्त करने का आदेश
jantaserishta.com
4 Jan 2022 7:29 AM GMT
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नई दिल्ली: कनाडा की एक कोर्ट में भारत सरकार (Indian Govt) को तगड़ा झटका मिला है. देवास मल्टीमीडिया (Devas Multimedia) के साथ चल रहे कई साल पुराने एक मुकदमे में कोर्ट के ऑर्डर के बाद एअर इंडिया (Air India) और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं. ये संपत्तियां कनाडा के क्यूबेक (Quebec) प्रांत में इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के पास रखी हुई थीं.
Antrix Devas Deal से जुड़ा है मसला
यह मामला इसरो (ISRO) की Antrix Corp और देवास के बीच हुए एक सैटेलाइट सौदे से जुड़ा है, जिसे 2011 में कैंसल कर दिया गया था. इस मामले में इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (International Chamber Of Commerce) की कोर्ट ने देवास के पक्ष में फैसला सुनाया था और भारत सरकार को 1.3 बिलियन डॉलर देने को कहा था. देवास के विदेशी शेयरहोल्डर्स इस फैसले को आधार बनाकर रिकवरी के लिए कनाडा और अमेरिका समेत कई देशों में भारत सरकार के खिलाफ अदालत की शरण में गए थे.
जब्त हुईं लाखों डॉलर की संपत्तियां
क्यूबेक की सुपीरियर कोर्ट ने इस सिलसिले में 24 नवंबर और 21 दिसंबर को दो ऑर्डर सुनाए. इनमें आईएटीए के पास रखी एएआई और एअर इंडिया की संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया गया, ताकि देवास के पक्ष में रिकवरी की जा सके. इन आदेशों के बाद एएआई की करीब 6.8 मिलियन डॉलर की संपत्तियां क्यूबेक में जब्त की गईं. एअर इंडिया की कितनी संपत्तियां जब्त हुई हैं, अभी इसकी सटीक वैल्यू पता नहीं चल पाई है. हालांकि बताया जा रहा है कि एयर इंडिया की 30 मिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्तियां जब्त हुई हैं.
इंवेस्टर्स के बीच जा सकता है खराब संदेश
कनाडा में की गई इस कार्रवाई को भारत सरकार के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है. इस एक्शन से भारत को इंवेस्टमेंट के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में पेश करने के सरकार के प्रयासों को झटका लग सकता है. विदेशी निवेशकों के बीच इस फैसले का यह संदेश जा सकता है कि भारत इंवेस्टमेंट के लिए सेफ नहीं है.
टाटा को नुकसान नहीं होने की उम्मीद
अभी इस फैसले पर भारत सरकार, एअर इंडिया या एएआई की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. एअर इंडिया की हाल ही में सफल नीलामी हुई है और अब यह टाटा समूह (Tata Group) का हिस्सा बन चुकी है. हालांकि कनाडा में की गई कार्रवाई से टाटा समूह को कोई नुकसान होने का अंदेशा नहीं है. टाटा समूह और सरकार के बीच हुई डील में एक Indemnity Clause है, जिसमें इस तरह के मामलों में सुरक्षा कवर का प्रावधान किया गया है.
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