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व्यापार जगत में कनाडा और भारत विवाद बढ़ाई चिंता

Apurva Srivastav
20 Sep 2023 1:00 PM GMT
व्यापार जगत में कनाडा और भारत विवाद बढ़ाई चिंता
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व्यापार जगत: कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव ने व्यापार जगत में चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, प्रमुख व्यापारिक साझेदार देशों के बीच चल रहा राजनयिक विवाद कनाडा में काम कर रही भारतीय कंपनियों के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है और वहां उनके भारी निवेश पर असर डाल सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह न सिर्फ भारतीय कंपनियों के लिए बल्कि कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिए भी चिंता का विषय होगा क्योंकि ये कंपनियां हजारों लोगों को रोजगार देती हैं।
सीआईआई ने जारी की रिपोर्ट
कनाडा के लिए भारतीय कंपनियों का क्या महत्व है और इन कंपनियों का वहां निवेश कितना बड़ा है? इसी साल मई 2023 में जारी एक रिपोर्ट में आंकड़ों के साथ यह जानकारी साझा की गई थी. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा ‘भारत से कनाडा तक: आर्थिक प्रभाव और जुड़ाव’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की गई और यह रिपोर्ट उस समय जारी की गई जब केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल टोरंटो का दौरा कर रहे थे।
कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिए भारत महत्वपूर्ण है
सीआईआई की रिपोर्ट में आंकड़ों के साथ बताया गया है कि भारत न केवल श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और खाड़ी देशों के लिए बल्कि कनाडा जैसे देशों के लिए भी कितना महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा की अर्थव्यवस्था में भारतीय प्रतिभा का योगदान और कनाडा में भारतीय निवेश बढ़ा है। उन्होंने कनाडा में भारतीय उद्योग की बढ़ती उपस्थिति और एफडीआई और रोजगार पैदा करने में मौजूद भारतीय कंपनियों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
30 भारतीय कंपनियों ने लगाया बड़ा दांव!
‘भारत से कनाडा तक: आर्थिक प्रभाव और जुड़ाव’ रिपोर्ट इस बात का अंदाजा देती है कि मौजूदा तनाव का बिजनेस सेक्टर पर क्या असर होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में 30 भारतीय कंपनियों की मौजूदगी है और देश में उनका निवेश 40,446 करोड़ रुपये है। इतना ही नहीं, मौजूदा तनाव से पहले दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि वहां मौजूद 85 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने भविष्य में नवाचार के लिए फंडिंग बढ़ाने की उम्मीद जताई थी।
भारतीय कंपनियों ने 17000 से ज्यादा नौकरियां दीं
कनाडा में कारोबार करने वाली भारतीय कंपनियों में 17,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं। इन कंपनियों का R&D खर्च भी 700 मिलियन कैनेडियन डॉलर बताया जाता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडा में भारतीय कारोबार बढ़ रहा है, जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है। अब जब भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ रहा है तो वहां कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए कारोबारी मौके भी बढ़ गए हैं.
दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश
भारत और कनाडा के बीच व्यापार में आसानी और अच्छे संबंधों के कारण भारत ने वहां भारी निवेश किया है। कनाडाई पेंशन फंडों ने भी भारत में 55 अरब डॉलर का निवेश किया है। भारतीय आईटी कंपनियों का कनाडा में बड़ा कारोबार है। इसके अलावा भारतीय कंपनियां सॉफ्टवेयर, प्राकृतिक संसाधन और बैंकिंग क्षेत्रों में सक्रिय हैं। जिसमें विप्रो और इंफोसिस जैसे बड़े नाम शामिल हैं। यहां आपको बता दें कि पिछले साल 2022 में भारत कनाडा का 10वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने कनाडा को 4.10 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया। जबकि कनाडा ने 2022-23 में भारत को 4.05 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया। वर्ष 2021-22 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार सात अरब डॉलर था, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 8.16 अरब डॉलर हो गया है.
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