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फूड प्रोसेसिंग में PLI स्कीम को कैबिनेट ने दी मंजूरी, ढाई लाख लोगों होगा फायदा
Apurva Srivastav
31 March 2021 9:19 AM GMT
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में फूड प्रोसेसिंग यूनिट को लेकर बड़ा फैसला हुआ है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में फूड प्रोसेसिंग यूनिट को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. कैबिनेट ने फूड प्रोसेसिंग में पीएलआई स्कीम (PLI Scheme) को मंजूरी दी है. ये पीएलआई स्कीम सरकार अगले पांच साल तक जारी रखेगी. PLI स्कीम के तहत 10 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देने की मंजूरी दी गई. इस स्कीम के तहत सरकार 2 से 5 फीसदी तक इंसेंटिव देगी.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, रेडी टू ईट इन्टेन्ट फूड को बढ़ावा देने और भारतीय कम्पनियों को विश्व स्तर पर ब्रांड बनाने के लिए फैसला लिया गया. इससे ढाई लाख लोगों को सीधे फायदा पहुंचेगा.
ये इन्सेंटिव पिछले कारोबारी साल में कंपनी ने जितना उत्पादन किया है. उसके ऊपर जितना उत्पादन होगा, उस पर इन्सेंटिव दिया जाएगा. कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिल चुकी है और इसका जल्द ही गाइडलाइंस जारी की जाएगी.
दूसरे दौर के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवेदन का आज अंतिम मौका
दूसरे चरण के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (Electronics Manufacturing के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 31 मार्च है. दूसरे दौर की पीएलआई योजना चार साल की होगी. इसके तहत प्रोत्साहन 1 अप्रैल, 2021 से दिया जाएगा.
सरकार के लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिशों का सबसे ज्यादा फायदा इलेक्ट्रिक कार, बैटरियां, फूड प्रोसेसिंग और कपड़े बनाने वाली कंपनियों को होगा.
क्या है PLI स्कीम
विदेशी कंपनियों को भारत में सामान बनाने के लिए आकर्षित करने के हिसाब से सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI Scheme) शुरू की है. पीएलआई स्कीम के तहत केंद्र सरकार अगले पांच साल के दौरान भारत में सामान बनाने वाली कंपनियों को 1.46 लाख करोड़ रुपए का प्रोत्साहन देगी.
इस स्कीम का लाभ सभी उभरते सेक्टर जैसे कि ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान, टेलिकॉम, फार्मा और सोलर पीवी निर्माण आदि ले सकते हैं.
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