व्यापार

बायजूस ने बदली अपनी लीव पॉलिसी, महिला कर्मचारियों को मिलेगी पीरियड लीव

Tulsi Rao
16 Nov 2021 6:31 PM GMT
बायजूस ने बदली अपनी लीव पॉलिसी, महिला कर्मचारियों को मिलेगी पीरियड लीव
x
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि निष्पक्ष और बैलेंस वर्क कल्चर बनाने की दिशा में बायजूस (Byju's) की सभी महिला कर्मचारियों को एक कैलेंडर वर्ष में कुल 12 दिन की ‘पीरियड लीव’ (Period Leaves) मिलेगी. बायजूस में करीब 12,000 कर्मचारी और ट्रेनी काम करते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पॉपुलर एजुकेशनल कंपनी बायजूस (Byju's) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी की ओर से मंगलवार को कहा गया कि उसने अपने कर्मचारियों के लिए लीव पॉलिसी (Leave Policy) में बदलाव किया है, जिससे कर्मचारी और ट्रेनी लचीले तरीके से काम कर सकेंगे. इसमें 'पीरियड लीव' (Period Leaves) और चाइल्ड केयल लीव (Child Care Leaves) शामिल हैं.

अब मिलेगी 12 दिन की पीरियड लीव
कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह नई नीति कर्मचारियों की खुशी, वर्किंग लाइफ में तालमेल, लचीलेपन और वर्क प्लेस की संवेदनशीलता को प्राथमिकता देने की दिशा में एक अहम कदम है. बायजूस की नई चाइल्ड केयल लीव के मुताबिक 12 साल तक के बच्चों वाले कर्मचारी सालाना सात छुट्टियां ले सकते हैं. ये छुट्टियां कई बार में ली जा सकती हैं और इसके तहत आधे दिन की छुट्टी भी ली जा सकती है.
बयान में कहा गया कि निष्पक्ष और बैलेंस वर्क कल्चर बनाने की दिशा में बायजूस की सभी महिला कर्मचारियों को एक कैलेंडर वर्ष में कुल 12 दिन की 'पीरियड लीव' मिलेगी. बायजूस में करीब 12,000 कर्मचारी और ट्रेनी काम करते हैं.
मैटरनिटी लीव में हुआ इजाफा
नई मैटरनिटी लीव (Maternity Leaves) पॉलिसी के तहत 26 सप्ताह की पेड लीव के अलावा कंपनी अपने कर्मचारियों को अतिरिक्त 13 सप्ताह की पेड लीव भी देगी. इस तरह पिता बनने पर मिलने वाली पैटरनिटी लीव की संख्या सात से बढ़ाकर 15 दिन कर दी गई है.
बीते साल फूड डिलीवरी कंपनी जोमेटो ने भी ऐसा ही फैसला लिया था. अगस्त 2020 में कंपनी ने अपनी महिला कर्मचारियों को साल में 10 दिन की पीरियड्स लीव देने का ऐलान किया था. आज भी देश में पीरियड्स काफी हद तक एक साइलेंट टॉपिक है जिसपर लोग खुलकर बात नहीं करना चाहते.
स्वच्छता और जागरूकता की कमी की वजह से कई बार महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण इलाकों मे तो स्थिति ज्यादा खराब है, जहां सेनेटरी नेपकिन्स की पहुंच और इस्तेमाल आज भी आम बात नहीं है.


Next Story