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चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी BYD ने पहले घोषणा की थी कि वह भारत में Megha Engineering एंड Infrastructures के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण करेगी. लेकिन अब BYD ने घोषणा कर कहा है कि चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी भारत में अपनी इन्वेस्टमेंट के बारे में फिर से विचार कर रही है और 1 बिलियन डॉलर्स की अपनी इन्वेस्टमेंट को वापस ले सकती है.
क्यों पीछे खींचे कदम?
विदेश और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा इस इन्वेस्टमेंट की जांच की गई थी. जांच के बाद इस चीनी इन्वेस्टमेंट को लेकर अधिकारियों ने चिंता जताई थी और माना जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा चिंता जताए जाने के बाद ही BYD ने इलेक्ट्रिक कार बनाने के अपने प्लान को वापस ले लिया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो BYD के कर्मचारियों द्वारा कंपनी के भारतीय पार्टनर Megha Engineering को पिछले हफ्ते इन्वेस्टमेंट वापस लिए जाने की जानकारी दे दी गई थी.
राजनीतिक खींचतान का हुआ नुक्सान?
BYD ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि वह पिछले 16 सालों से भारत में मौजूद है और उसने देश में इलेक्ट्रिक कारों और बसों की बिक्री की है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Megha Engineering ने BYD से इन्वेस्टमेंट वापस न लेने का आग्रह किया था और एक हफ्ते का समय भी मांगा था. इसके साथ ही यह दावा भी किया जा रहा है कि BYD ने अपनी इन्वेस्टमेंट वापस लेने का फैसला इसलिए भी किया, क्योंकि कंपनी को पता था कि उनके द्वारा की जा रही इन्वेस्टमेंट को भारत और चीन के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान का नुक्सान हो सकता है.
BYD नहीं है अकेली
BYD ने पहले घोषणा करते हुए यह भी कहा था कि वह भारत में 2025 तक कारों उत्पादन शुरू कर देगी. रिपोर्ट्स में किए गए दावों की मानें तो BYD, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का एक पूरा लाइनअप तैयार करना चाहती थी जिसमें हैचबैक से लेकर लग्जरी कारों तक सभी प्रकार के मॉडल शामिल हों. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले एक अन्य चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी ‘Great Wall Motor’ भी भारत में इन्वेस्ट करने के 1 बिलियन डॉलर के अपने इन्वेस्टमेंट प्लान को सरकार से क्लीयरेंस न मिल पाने की वजह से वापस ले चुकी है.
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