व्यापार
वित्त मंत्री से व्यापारियों के संगठन ने की मांग, कहा- तुरंत बदले GST का ये नियम
Deepa Sahu
25 Dec 2020 2:24 PM GMT
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व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी नियमों में धारा 86-बी को जोड़ने का विरोध
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी नियमों में धारा 86-बी को जोड़ने का विरोध किया है। जीएसटी नियमों में धारा 86-बी के तहत प्रत्येक व्यापारी के लिए (जिसका मासिक टर्नओवर 50 लाख रुपये से ज्यादा है) एक फीसदी जीएसटी जमा करना अनिवार्य है। नकली बिल के जरिए टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने यह बदलाव किया था, जिसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इस संदर्भ में कैट ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा। पत्र में मांग की गई की इस नियम को तुरंत वापस लिया जाए और व्यापारियों से सलाह करने के बाद ही इसे लागू किया जाए। इसके साथ ही कैट ने यह भी मांग की है कि जीएसटी एवं आयकर में ऑडिट की रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर 2020 से तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए।
Confederation of All India Traders (CAIT) has sent a communication to Ministry of Finance raising objections against new provisions in GST mainly the introduction of section 86 B, which are detrimental for trade. We demand that Govt roll back this provision immediately: CAIT
— ANI (@ANI) December 25, 2020
मामले में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की धारा-86बी से देश के व्यापारियों के व्यापार पर विपरीत असर डलेगा। व्यापारी पहले से ही कोरोना वायरस महामारी के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं क्योंकि महामारी से व्यापार प्रभावित हुआ है। ऐसे में नया नियम व्यापारियों पर एक अतिरिक्त बोझ बनेगा।
कैट का कहना है कि अगर जीएसटी विभाग के पास फर्जी बिलों द्वारा जीएसटी राजस्व को चूना लगाने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत है तो ऐसे लोगों को कानून के मुताबिक सख्ती से निपटारा किया जाए। इस नियम को फिलहाल स्थगित किया जाना चाहिए।
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