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कारोबारियों ने केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal से की ये मांग, जानें पूरी खबर

Tara Tandi
28 July 2021 10:22 AM GMT
कारोबारियों ने केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal से की ये  मांग, जानें पूरी खबर
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ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) जो देश के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) से संबद्ध है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) जो देश के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) से संबद्ध है, ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पियूष गोयल से आज आग्रह किया है की देश भर में ज्वेलर्स के पास रखे पुराने स्टॉक पर हॉलमार्क प्राप्त करने की अंतिम तारीख 31 अगस्त, 2021 को बढ़ाकर 31 अगस्त, 2022 किया जाए.

दरअसल देश भर के ज्वेलर्स उनके पास रखे हुए पुराने स्टॉक पर सरकार के निर्देशानुसार हॉलमार्क लगवा सकें. देश में ज्वैलर्स की बड़ी संख्या और हॉलमार्किंग केंद्रों की सीमित संख्या और पुराने स्टॉक की प्रत्येक वस्तु पर हॉलमार्क प्राप्त करने के मद्देनजर इस तारीख को बढ़ाना बेहद जरूरी हैं जिससे समय रहते देश के सभी ज्वेलरी व्यापारी अपने स्टॉक पर हॉलमार्क लगवा सकें वहीँ दूसरी ओर एआइजेजीएफ ने यह भी कहा है की ज्वेलरी पर हॉलमार्क प्रथम बिंदु अर्थात जब ज्वेलरी बनती हैं तभी लगना अनिवार्य करना चाहिए जिससे देश में कोई भी ज्वेलरी उत्पाद बिना हॉलमार्किंग के बिक नहीं सके.

हॉलमार्क लगी ज्वेलरी बेचना अनिवार्य

देश भर के ज्वैलर्स सरकार द्वारा अनिवार्य करने के बाद हॉलमार्क लगी ज्वैलरी को ही बेचने के लिए अधिक इच्छुक हैं फिर भी इतने कम समय में हॉलमार्क प्राप्त करना संभव नहीं है. इसलिए, एआईजेजीएफ ने इस तारीख को बढ़ाने का आग्रह किया है. देश में लगभग 4 लाख जौहरी हैं, जिनमें से लगभग 85 % छोटे जौहरी हैं, जो गाँवों से लेकर महानगरों तक के सोने के गहनों की आम आदमी की ज़रूरतों को पूरा करते हैं और इसलिए इतनी बड़ी संख्या में छोटे ज्वेलर्स को केंद्र में रख कर सरकार द्वारा नीतियाँ बनाना ज़रूरी है जिससे देश के आम उपभोक्ता को विश्वसनीय ज्वेलरी मिल सके.

सरकार के प्रयासों की सराहना

एआईजेजीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने श्री पीयूष गोयल को भेजे गए अपने पत्र में कहा कि देश भर के ज्वैलर्स केंद्र सरकार के निर्देश पर भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करने के लिए सरकार के साथ एकजुटता से खड़े हैं. उन्होंने पीयूष गोयल के छोटे ज्वेलर्स के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना की, जिन्होंने देश के दूर दराज इलाके के भी ज्वेलरी व्यापारियों की वास्तविक समस्याओं को समझा और पूरे भारत के आभूषण उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ उचित परामर्श करते हुए देश के छोटे जौहरियों को बहुत राहत दी. हालांकि, कुछ व्यावहारिक शुरुआती मुद्दे मौजूद हैं जिनका स्पष्टीकरण किया जाना बेहद आवश्यक है.

देश भर में 933 हॉलमार्क सेंटर मौजूद

पंकज अरोड़ा ने आगे कहा कि देश में करीब 933 हॉलमार्क सेंटर हैं और करीब 65 हजार ज्वैलर्स का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. यदि सभी हॉलमार्क केंद्र पूरे जोरों पर काम करते हैं, तो पंजीकृत ज्वैलर्स की कुल संख्या केवल 150 पीस पर ही हॉलमार्क प्रति जवेलर हॉलमार्क लगवा पाएगी प्राप्त करने में सक्षम जबकि देश भर में ज्वैलर्स के पास बड़ी संख्या में पुराना स्टॉक उपलब्ध हैं और पुराने स्टॉक के हर एक वास्तु को हॉलमार्क कराना आवश्यक है ।सरकार के आदेश के अनुसार हालमार्क लेने के लिए वर्तमान बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है और इसलिए तारीख को एक वर्ष तक बढ़ाया जाना जरूरी है . उन्होंने गोयल से हॉलमार्क केंद्रों की स्थापना के लिए अब तक किए गए 366 आवेदनों को स्वीकृत करने में तेजी लाने की भी अपील की और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर देश में अधिक से अधिक हॉलमार्क केंद्र स्थापित करने की योजना बननी चाहिए.

एचयूआईडी रिकॉर्ड रखना ज़रूरी

एआईजेजीएफ के राष्ट्रीय सचिव राजीव रस्तोगी ने बिना अग्नि जांच के हॉलमार्क वाले अनुकूलित गहनों पर हालमार्क को प्राप्त करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का तर्क देते हुए कहा कि सप्लाई श्रृंखला में पहले जौहरी के ही स्तर पर एचयूआईडी रिकॉर्ड रखना ही ज़रूरी हो. खुदरा व्यापारियों व हॉलमार्किंग की प्रक्रिया के बाद श्रेणियों में इसका कहीं भी रिकॉर्ड रखने की बाध्यता न हो. उन्होंने आगे कहा कि भारत के बड़ी संख्या में ग्राहक की मांग पर जेवर में बदलाव की आवश्यकता होती है। इसलिए आभूषण विक्रेताओं को आभूषणों के बदलाव पर कोई सीमा निर्धारित किए बिना बदलाव करने की अनुमति दी जानी चाहिए, हालांकि बिल में मूल वजन का एचयूआईडी के साथ उल्लेख अनिवार्य किया जा सकता है। वर्तमान मे गहनों में परिवर्तन की सीमा 2 ग्राम तक है जो कि काफी नगण्य है.

लाइसेंस को डिजिटल से जोड़ा जाए

एआईजेजीएफ ने यह भी कहा कि पूरे भारत में बीआईएस कार्यालयों को सभी सक्रिय लाइसेंसों को संबंधित ई-मेल से जोड़ने के लिए सरकार को सभी बीआईएस कार्यालयों को निर्देश देना चाहिए। इस हेतु अधिकारी व्यापारियों को सहयोग नहीं कर रहे हैं. पूर्व की व्यवस्था में बी आई एस पंजीकरण करने की एक मैनुअल प्रक्रिया थी और व्यापारियों के ईमेल लिंक न होने से वो पोर्टल का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.

हॉलमार्क केंद्रों पर निर्भर है सफलता

पंकज अरोड़ा ने कहा कि हॉलमार्किंग योजना की सफलता काफी हद तक हॉलमार्क केंद्रों के कामकाज पर निर्भर करती है. हॉलमार्किंग को बढ़ाने के लिए, बीआईएस ने निजी उद्यमियों द्वारा स्थापित हॉलमार्क केंद्रों को भी मान्यता दी जाए, जिनका समय-समय पर बीआईएस द्वारा उनके प्रदर्शन के लिए मूल्यांकन किया जाता है। सोने और सोने के गहनों की शुद्धता या सुंदरता आईएस 1417 में निर्दिष्ट है। उन्होंने आगे कहा कि सोने को जोड़ने के लिए कैडमियम के उपयोग की अनुमति दी जानी चाहिए. क्योकि पश्चिमी देशों के कास्टिंग के जेवर के विपरीत भारतीय शिल्प बगैर जोड़े हुए बनाना असम्भव है। हालांकि इस धातु को स्वर्ण में मिलाने पर प्रतिबंध होना चाहिए केवल टांके हेतु प्रयोग अनुमन्य होने से जेवर की शुद्धता भी बनी रहेगी.

सिस्टम में भी लाना होगा सुधार

हॉलमार्किंग की तेज प्रक्रिया के लिए बीआईएस को एचयूआईडी को लागू करने के लिए अपने सिस्टम में सुधार करना चाहिए क्योंकि सर्वर क्षमता ज्यादातर समय सिस्टम को सपोर्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं होती है. क्योंकि यह हैंग हो जाता है और पुराने स्टॉक हॉलमार्किंग की प्रक्रिया बहुत धीमी गति से की जा रही है जिसमें अधिक समय लग सकता है

आयात नियम में भी बदलाव की जरुरत

एआईजीजेएफ ने यह भी मांग की कि सरकार सोने के आयात को 50 या 100 ग्राम के गुणक में आयात करे व सभी बैंकों को बाध्य करे कि छोटे जेवेलर्स व सुनार को सीधे बैंक से शुद्ध सोना मिल सके. इससे छोटे सुनार के गहने भी आसानी से हॉलमार्क हो जाएंगे. एआइजेजीएफ ने यह भी आग्रह किया कि बुलियन व सिक्कों को भी अनिवार्य हॉलमार्किंग में शामिल किया जाए। इनसे सरकार को सोने की अवैध खपत का ब्यौरा भी मिलेगा और अवैध सोने का भारत में आगमन भी कम होगा.

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