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Business: Budget 2024 में ग्रामीण जनता को मिल सकती है सौगात

Admindelhi1
9 July 2024 10:31 AM GMT
Business: Budget 2024 में ग्रामीण जनता को मिल सकती है सौगात
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जैसे-जैसे बजट नजदीक आ रहा है, लोगों की उम्मीदें भी बढ़ती जा रही हैं।

बिज़नेस: वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। दो हफ्ते बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही हैं। जैसे-जैसे बजट नजदीक आ रहा है, लोगों की उम्मीदें भी बढ़ती जा रही हैं। इस बीच खबरों में दावा किया जा रहा है कि सरकार आगामी बजट में ग्रामीण भारत पर खास ध्यान दे सकती है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार बजट में ग्रामीण भारत पर खास ध्यान दे सकती है। सरकार ग्रामीण इलाकों में मांग को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए सामाजिक क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं पर खर्च बढ़ाकर अंतिम छोर तक पैसा पहुंचाने का उपाय अपनाया जा सकता है।

अगर ऐसा होता है तो बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों के लिए ज्यादा फंड देखने को मिल सकता है। अकेले रिजर्व बैंक ने दिया इतना योगदान ये कयास भी अनायास नहीं हैं। दरअसल पूर्ण बजट पेश करने से पहले ही सरकार का खजाना भर गया है। अकेले रिजर्व बैंक ने ही सरकार को मालामाल कर दिया है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में केंद्र सरकार को लाभांश के रूप में 2.1 लाख करोड़ रुपये की बड़ी रकम दी है। यह किसी एक वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को दिए गए लाभांश का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

बजट के साढ़े चार फीसदी के बराबर लाभांश

यह आंकड़ा कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिजर्व बैंक द्वारा दिया गया लाभांश फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के कुल आकार के करीब साढ़े चार फीसदी के बराबर है। इस साल लोकसभा चुनाव के चलते वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट फरवरी में आया था, जिसमें सरकार ने कुल खर्च करीब 47.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था।

रेटिंग एजेंसी ICRA को यह उम्मीद

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने भी अनुमान लगाया है कि सरकार आगामी बजट में खर्च के लक्ष्य को बढ़ा सकती है। ICRA का अनुमान है कि सरकार बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए कोई नई योजना ला सकती है या पुरानी योजनाओं पर खर्च बढ़ा सकती है। ICRA को उम्मीद है कि इस बजट में सरकार का राजस्व व्यय 37 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहेगा। यानी राजस्व व्यय अंतरिम बजट से 50 से 60 हजार करोड़ रुपये ज्यादा हो सकता है।

इन योजनाओं पर खर्च लगातार बढ़ रहा है

सरकार से सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च बढ़ाने की भी उम्मीद है, क्योंकि पिछले कुछ बजटों से इस मोर्चे पर लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अंतरिम बजट में सरकार ने केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए 14.9 लाख करोड़ रुपये और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। दो साल पहले यानी वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों के आंकड़े क्रमश: 14.4 लाख करोड़ रुपये और 4.4 लाख करोड़ रुपये थे।

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