Business: पड़ोसी देशों के साथ लोकल करेंसी में ट्रेड की तैयारी
बिज़नस: बांग्लादेश समेत 6 पड़ोसी देशों के साथ लोकल करेंसी में ट्रेड की भारत की तैयारी. भारत के इस प्रस्ताव पर श्रीलंका और बांग्लादेश पहले ही हामी भर चुके है. सरकार के इस कदम का मकसद ट्रेड कॉस्ट में बचत और इंटरनेशनल ट्रेड में डॉलर पर निर्भरता कम करना है. पिछले दो साल से भारत का रूस के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार लोकल करेंसी यानी रूपी-रूबल में सफलतापूर्वक हो रहा है. लेकिन अब भारत एक नई योजना पर काम कर रहा है, जिसमें BIMSTEC यानी 6 पड़ोसी देश बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, इंडिया, श्रीलंका, म्यांमार और थाइलैंड के बीच आपसी व्यापार लोकल करेंसी को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम हो सके. एक्सपर्ट का मानना है कि लोकल करेंसी में सेटलमेंट से ट्रेड कॉस्ट में 5-6% की बचत हो सकती है.
40% लेनदेन अभी अमेरिकी डॉलर में: दरअसल अंतराष्ट्रीय व्यापार में करीब 40% लेनदेन अभी अमेरिकी डॉलर के जरिए होता है. एक्सपर्ट का मानना है कि जियो पॉलिटिकल टेंशन, इकनॉमिक सैंक्शन और Trade Imbalances के दौर में बहुत सारे देश किसी एक करेंसी के ऊपर रहना नहीं चाहते और वो डॉलर का विकल्प की तलाश कर रहे हैं. ऐसे में इंडियन रूपी इंटरनेशनल करेंसी की भूमिका बखूबी निभा सकता है.
Bilateral Trade के लिए समझौता: रूस और मिडल ईस्ट समेत तकरीबन 20 देशों के साथ भारत इंडियन रुपए में Bilateral Trade के लिए समझौते कर चुका है. लेकिन अब इस मुहिम में अब पड़ोसी देशों को भी जोड़ने की तैयारी है ताकि ग्लोबल अनिश्चितता के दौर में फॉरेन एक्सचेंज के संकट से सभी देश मजबूती से मुकाबला कर सकें. साथ ही आयात- निर्यात में लागत भी कम हो सके