व्यापार

Business:PPF के नियम 1 अक्टूबर से बदल जायेंगे

Admindelhi1
5 Sep 2024 8:07 AM GMT
Business:PPF के नियम 1 अक्टूबर से बदल जायेंगे
x
सरकार इन योजनाओं से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रही है

बिज़नस: पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं जैसे PPF, SSY और NSS में निवेश करने वालों के लिए बड़ी खबर आई है. सरकार इन योजनाओं से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रही है, जो 1 अक्टूबर से लागू होंगे. अगर आप इन योजनाओं में निवेश कर चुके हैं या निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने नए नियमों की गाइडलाइन जारी की है.

वित्त मंत्रालय ने जारी किया गाइडलाइन

फाइनेंस मिनिस्ट्री द्वारा स्मॉल सेविंग अकाउंट्स को लेकर जारी की गई गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर कोई अकाउंट अनियमित पाया जाता है, तो उसे वित्त मंत्रालय द्वारा आवश्यक रेगुलराइजेशन के लिए भेजा जाएगा. गाइडलाइन के तहत विभाग ने नए नियम जारी किए हैं, जो नेशनल सेविंग स्कीम, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और सुकन्या समृद्धि अकाउंट के लिए लागू होंगे.

डीजी के आदेश (2 अप्रैल 1990) से पहले खोले गए दो NSS-87 खातों के लिए नए नियम: पहले खोले गए अकाउंट पर प्रचलित योजना की दर लागू होगी, जबकि दूसरे अकाउंट पर प्रचलित POSA दर के साथ बकाया शेष राशि पर 200 बीपीएस की दर लागू होगी. इन दोनों खातों में जमा राशि सालाना सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए. यदि अतिरिक्त जमा की जाती है, तो बिना ब्याज के इसे वापस कर दिया जाएगा. 1 अक्टूबर 2024 से दोनों खातों पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी.नाबालिग के नाम से खोले गए PPF खाते के लिए: ऐसे अनियमित खातों के लिए POSA ब्याज का भुगतान तब तक किया जाएगा जब तक कि व्यक्ति (नाबालिग) खाता खोलने के लिए पात्र नहीं हो जाता. जब व्यक्ति की आयु 18 वर्ष हो जाती है, उसके बाद लागू ब्याज दर का भुगतान किया जाएगा. मैच्योरिटी पीरियड की गणना उस तारीख से की जाएगी, जिस दिन नाबालिग वयस्क हो जाता है और खाता खोलने के योग्य हो जाता है.एक से अधिक PPF खाते रखने पर प्राइमरी अकाउंट पर योजना दर से ब्याज मिलेगा, बशर्ते जमा राशि प्रत्येक वर्ष के लिए लागू अधिकतम सीमा के भीतर हो. दूसरे अकाउंट की शेष राशि को पहले खाते में विलय कर दिया जाएगा, बशर्ते कि प्राथमिक खाता हर साल अनुमानित निवेश सीमा के भीतर रहे. विलय के बाद, प्राथमिक खाते पर प्रचलित योजना दर से ब्याज मिलता रहेगा. प्राथमिक और दूसरे खाते के अलावा किसी भी अतिरिक्त खाते पर, खाता खोलने की तारीख से शून्य प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी.

Next Story