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सब्जियों का व्यापार: महिलाओं की कंपनी ने रचा इतिहास, बेची इतने करोड़ की सब्जी

jantaserishta.com
30 Dec 2021 3:07 AM GMT
सब्जियों का व्यापार: महिलाओं की कंपनी ने रचा इतिहास, बेची इतने करोड़ की सब्जी
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Jharkhand Women Company: झारखंड के हजारीबाग में किसानों की मदद के लिए एक कंपनी बनाई गई, जिसका नाम रखा गया चुरचू नारी उर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड. इस कंपनी की सभी बोर्ड सदस्य महिलाएं हैं. महिलाएं ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं. इन लोगों ने सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को एकजुट किया और कंपनी बनाई और उनसे खेती करवाकर उनके उत्पाद को बाजार में बेचा. आज इस कंपनी की 2500 से अधिक अंक धारक हैं, जिसका 18 लाख रुपया अंश पूंजी है और 7000 से अधिक महिला किसान इस कंपनी से जुटी है. महिलाओं की इस कंपनी ने एक साल में ढाई करोड़ रुपये की सब्जी की बिक्री कर दी.

इस कंपनी ने पूरे देशभर में सबसे अधिक सब्जियों का व्यापार करने में पहला स्थान बनाया है. हजारीबाग के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र चूरचू मे झारखंड का एकमात्र महिलाओं के द्वारा चलाया जाने वाला FPO कार्यरत है. चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन 6 जून 2018 में हुआ. इस कंपनी का एकमात्र उद्देश्य महिलाओं, किसानों को एकजुट कर उनके जीवन स्तर को ऊंचा करना है. शुरुआती दौर में कई समस्याओं का इन्हें सामना करना पड़ा. लेकिन कुछ महिलाओं के द्वारा शुरू किया गया यह प्रयास धीरे धीरे रंग लाया.
आज इस कंपनी के 7000 से अधिक महिला किसान सदस्य हैं. जिनमें लगभग 2500 महिला अंश धारक हैं .यही नहीं, 18 लाख रुपया इनका अंश पूंजी है. इस वित्तीय वर्ष में इन्होंने दो करोड़ 75 लाख रुपए की कृषि उत्पाद बेचकर इतिहास रच दिया. इन महिलाओं को अपने इस कार्य का इनाम भी मिला. देशभर में बेहतरीन काम करने को लेकर दिल्ली में 17 दिसंबर को लाइवलीहुड सम्मिट एफपीओ इंपैक्ट अवॉर्ड 2021 से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन रोबो बैंक, नाबार्ड, नीति आयोग के सहयोग से किया गया. जिसमें देशभर के छोटे-बड़े 450 एपीओ ने हिस्सा लिया था..
लघु श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल करने पर कंपनी की चेयरमैन सुमित्रा देवी का खुशी का ठिकाना नहीं है. उनका कहना है कि यह हमारा प्रयास नहीं, 7000 महिला किसानों की मेहनत का रंग है जो आज पूरे देश भर में दिख रहा है. हम लोगों का उद्देश्य हैं महिलाओं को एकजुट करना और उनसे खेती संबंधि काम करवाना. मैट्रिक पास सुमित्रा देवी खुद भी मेहनत किया. कंप्यूटर से लेकर लेखा-जोखा तक की जानकारी ली. तभी तो यह महिला का पताका दिल्ली में लहराया. दिल्ली में सम्मानित होने के बाद ये हजारीबाग के चूरचु पहुंची है और फिर से महिलाओं को उत्साहित और प्रोत्साहित करने में लगी हुई है. कंपनी से जुटी महिला का कहना है कि पहले हम लोगों को काफी समस्या होता था. हम लोग सामान कहां बेचे कैसे उसका उत्पादन कैसे करें. लेकिन इस कंपनी ने हमारी सारी समस्याओं का अंत किया है. अब हमारे खेत से ही सारा सामान बिक जाता है. बीज और खाद भी हमें बाजार से सस्ते दाम पर मिल जाते हैं.
महिलाओं को यह राह दिखाने में सपोर्ट सिनी टाटा ट्रस्ट और जेएसपीएल की महत्वपूर्ण भूमिका है. इन तीनों ने इस कंपनी को रजिस्टर्ड कराने में मदद किया. चरही चौक पर कार्यालय भी है. जहां से पूरा कंपनी चलती है. कंपनी के सीईओ भी कहते हैं कि हम लोग इनकी भरपूर मदद कर रहे हैं, जिसका प्रतिफल भी अब हम लोगों को मिलना शुरू हो गया है. हमारे कार्यालय में चमचमाते सर्टिफिकेट इन महिलाओं के अथक प्रयास से ही संभव हो पाया है. हजारीबाग बाजार समिति के माध्यम से इनाम के जरिए लगभग 65 लाख का कारोबार किया है. जिसमें 50 का डिजिटल पेमेंट भी प्राप्त हुआ है. ऐसे में बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार भी कहते हैं कि यह एफपीओ नारी सशक्तीकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है. महिलाएं का प्रयास अब रंग ला रहा है. दिल्ली मे भी सम्मानित किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में यह एफपीओ और अच्छा काम करें, इसके लिए बाजार समिति हमेशा तैयार है. इन महिलाओं ने यह बता दिया कि कड़ी मेहनत और ईमानदारी से काम करने से मुकाम मिलता है. आर्थिक रूप से लोग संपन्न भी होते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिलती है.

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