बिज़नस: कैसा हो अगर आप जो भी निवेश करें, उससे आपको हर महीने रेगुलर इनकम भी हो. जी हां, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में अपने निवेश से रगुलर इनकम (monthly income) भी हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan-SWP) में निवेश करना होगा. लेकिन, ये SWP क्या है? कैसे ये आपको दिलाएगा रेगुलर इनकम? और SWP करना कब होता है फायदेमंद? क्या यह SIP से भी बेहतर प्लान है? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब आपको हमने देने की कोशिश की है.
क्या है Systematic Withdrawal Plan (SWP)?
सिस्टेमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) एक तरह की सुविधा है. इसके जरिये निवेशक एक तय राशि म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Schemes) से वापस पाते हैं. कितने समय में कितना पैसा निकालना है, यह विकल्प खुद निवेशक ही चुनते हैं. वे मासिक या तिमाही आधार पर यह काम कर सकते हैं. वैसे मंथली ऑप्शन (Regular Monthly Income) ज्यादा लोकप्रिय है. निवेशक चाहें तो केवल एक निश्चित रकम निकालें या फिर चाहें तो वे निवेश पर कैपिटल गेंस (Capital Gains) को निकाल सकते हैं.
कैसे शुरू करें SWP?
SWP की शुरुआत कभी भी की जा सकती है. पहला निवेश करते ही इसे शुरू किया जा सकता है. अगर किसी स्कीम में निवेश कर रहे हैं तो आप उसमें SWP विकल्प को एक्टिवेट कर सकते हैं. कभी भी रेगुलर कैश फ्लो की जरूरत के लिए इसे शुरू किया जा सकता है. SWP एक्टिवेट करने के लिए आपको फोलियो नंबर, विड्रॉल की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक अकाउंट को बताते हुए एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा.
कैसे काम करता है SWP?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की तरह ही सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) काम करता है. निवेशकों के लिए सिस्टेमैटिक विड्रॉल प्लान 'रामबाण' है. इसमें आप अपना पैसा नियमित अवधि पर निकाल सकते हैं. इससे निवेशक के पास कैश फ्लो बना रहता है और लंबी अवधि के निवेश को निकालने का इंतजार नहीं करना होता. कोई लॉकइन पीरियड का झंझट नहीं रहता.
हर महीने होती है रेगुलर इनकम
SWP के जरिए नियमित अंतराल पर पैसे निकाले जा सकते हैं. इसमें मंथली, तिमाही और सालाना आधार पर आप तय कर सकते हैं कि पैसा कब चाहिए. NAV के आधार पर खाते से हर महीने पैसा निकालने का विकल्प मिलता है. इस पैसे को दोबारा MF में निवेश कर सकते हैं या खर्च कर सकते हैं. SWP खास तौर से सीनियर सिटीजन के लिए बनाया गया है. सीनियर सिटीजन को इससे ज्यादा फायदा होता है. उन्हें इनकम पर कम टैक्स चुकाना पड़ता है.
SWP: ये जानकारी है जरूरी
आप किस फंड से SWP चलाना चाहते हैं?
कितनी राशि की SWP चाहते हैं?
कितने समय तक SWP चलाना चहते हैं?
महीने की निर्धारित तारीख बताना जरूरी.
SWP: पहले क्या पता करें?
आपक निवेश अगर डेट फंड में है. आप को 8% रिटर्न मिल रहा है. सालाना 10% विड्रॉ कर रहे हैं तो ऐसे में आप पूंजी खर्च कर रहे हैं. इससे आपकी निवेशित पूंजी कम हो सकती है. 5 साल में जितनी रकम की जरूरत है, उतनी रकम को ही डेट फंड में निवेश करें. अतिरिक्त रकम को हाइब्रिड फंड में लगाएं.
हर महीने आएगा खाते में पैसा?
आपको अपने SWP की राशि/तारीख/अवधि बताना जरूरी.
हर महीने पैसे आपके खाते में चले जाएंगे.
ये पैसे आपके फंड से यूनिट्स बिकने से मिलते हैं.
फंड में पैसे खत्म हुए तो SWP बंद हो जाएगा.
SIP से भी तगड़ी स्कीम कैसे?
SIP में हर महीने निर्धारित राशि आपके खाते से कट जाती है.
खाते से कटी राशि म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए जाती है.
SWP में निर्धारित राशि आपके बैंक खाते में आ जाती है.
SWP की राशि म्यूचुअल फंड यूनिट्स बिकने से आती है.
Systematic withdrawal plan: कौन सी सावधानियां हैं जरूरी
SWP कभी भी इक्विटी म्यूचुअल फंड से ना चलाएं.
बाज़ार गिरने पर आपके फंड पर असर पड़ता है.
निर्धारित राशि के लिए ज्यादा यूनिट्स बेचने पड़ेंगे.
ऐसा करने से पोर्टफोलियो बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा.
SWP के लिए डेट/लिक्विड फंड्स बेहतर विकल्प.
और कौन-कौन से मिलते हैं फायदे?
ज़रूरत में मुताबिक निवेशक राशि चुन सकते हैं.
बाज़ार में निवेश रहने से अच्छे रिटर्न की उम्मीद.
महंगाई को मात देने के लिए अच्छा विकल्प.
बाज़ार में उतार-चढ़ाव को झेल सकता है.
SWP: कितना लगेगा टैक्स?
इक्विटी में 1 साल से कम पर STCG लगता है.
डेट में 3 साल से कम पर STCG.
इक्विटी में `1 लाख से ज्यादा मुनाफा तो लगेगा टैक्स.
इक्विटी म्यूचुअल फंड भुनाने पर लगेगा टैक्स.
SWP करते वक्त आपको टैक्स देनदारी का ध्यान रखना होता है.
हर विड्रॉल को रीडम्पशन माना जाता है.
ऐसे में आपको इन पर कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है.
कैपिटल गेन तय टैक्स स्लैब के हिसाब से लगता है.