Business: कच्चे तेल में एकबार फिर टैक्स में कटौती करेगी सरकार
बिज़नस: सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में एक बार फिर कटौती करने का एलान किया है. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतों के 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आने की वजह से विंडफॉल टैक्स घटाया गया है. दुनिया में तेल के सबसे बड़े ग्राहक चीन में मांग में कमी को लेकर आई नई आशंकाओं के बाद कच्चे तेल में नरमी देखने को मिली है जिससे क्रूड के भाव नीचे आए हैं. विंडफॉल टैक्स क्रूड के भाव के आधार पर लगाए जाते हैं. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ ही टैक्स में भी कटौती की गई है.
कहां पहुंचे टैक्स: केंद्र सरकार ने देश मे उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को घटाकर 2100 रुपये प्रति टन कर दिया है. पहले ये 4600 रुपये प्रति टन था. यानि टैक्स में आधे से ज्यादा की कटौती हो गई है. वहीं डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स की दरें बिना बदलाव शून्य पर ही रखी गई हैं. इससे पहले 31 जुलाई को विंडफॉल टैक्स की दरों में 34.3 फीसदी की कटौती की गई थी और दरों को 7000 रुपये प्रति टन से घटा कर 4600 रुपये प्रति टन कर दिया गया था. 31 जुलाई की समीक्षा में एटीएफ और डीजल पर दरें शून्य ही रखीं गई थीं
क्या है विंडफॉल टैक्स: भारत में सबसे पहले विंडफाल टैक्स पहली जुलाई 2022 से लगाए गए थे. विंडफाल टैक्स ऐसी स्थिति में किसी इंडस्ट्री पर लगाए जाते हैं जहां कंपनियों को अचानक ऊंचा मुनाफा हासिल होता है. विंडफॉल टैक्स आम टैक्स दरों के ऊपर और अतिरिक्त होता है. ये टैक्स क्रूड के एक्सपोर्ट पर इसलिए भी लगाया जाता है जिससे घरेलू तेल उत्पादक इंटरनेशनल मार्केट में भाव बढ़ने पर विदेश में सप्लाई पर ज्यादा जोर न दें क्योंकि इससे घरेलू सप्लाई पर असर पड़ सकता है. विंडफॉल टैक्स की हर 15 दिन में समीक्षा की जाती है.