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Business: हजारों रूपए सस्ता होने वाला है सोना, जानिए कब आएगी गिरावट

Admindelhi1
7 Oct 2024 10:49 AM GMT
Business: हजारों रूपए सस्ता होने वाला है सोना, जानिए कब आएगी गिरावट
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अभी खरीदने जा रहे है सोना तो थोड़ा कर ले इंतजार

बिज़नेस: हाल ही में सोने की कीमत 78,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। नवरात्रि और दिवाली के दौरान सोने की कीमतों में तेजी आती है। ऐसे में सोना खरीदने वाले, शादी के लिए आभूषण खरीदने वाले या फिर सोने में निवेश करने वाले सभी लोग सोने की कीमत में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। ताकि, उन्हें सोना खरीदने के लिए कम कीमत का मौका मिल सके। यहां हम आपको बता रहे हैं कि अगर आप अभी इमरजेंसी में सोना नहीं खरीदना चाहते हैं तो थोड़ा इंतजार कर सकते हैं। जल्द ही सोने में 5,000 रुपये तक का करेक्शन आ सकता है। यानी सोना 70,000 रुपये के स्तर पर आ सकता है।

सोने में 5,000 रुपये का करेक्शन आएगा

मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोने की कीमतें इन ऊंचाइयों पर कुछ समय तक स्थिर रह सकती हैं। जल्द ही सोने में 5-7 फीसदी की गिरावट आने की उम्मीद है। यानी अगर मौजूदा भाव के हिसाब से गणना की जाए तो सोने में 5000 रुपये से ज्यादा की गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2000 के बाद से सोने में 32 फीसदी सालाना लाभ नहीं देखा गया है। इस वजह से सोने में गिरावट की उम्मीद है।

सोने की कीमतें अभी क्यों बढ़ रही हैं?

रिपोर्ट में आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, घरेलू ईटीएफ आयात, एसपीडीआर होल्डिंग्स और सीएफटीसी पोजीशन जैसे कई कारणों का जिक्र किया गया है, जिसकी वजह से सोने की कीमतों में तेजी जारी है। 2024 के पहले नौ महीनों में सोने की कीमतों में उछाल की मुख्य वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति और भू-राजनीतिक स्थितियां रही हैं। केंद्रीय बैंकों की भविष्य की मांग और घरेलू त्योहारी और शादी के सीजन से बाजार की धारणा को और बढ़ावा मिलने की संभावना है।

2 साल में 86,000 रुपये तक पहुंचेगा सोना

मोतीलाल ओसवाल ने अगले दो साल में सोने की कीमतों के 86,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। मौजूदा त्योहारी सीजन में मजबूत मांग इस तेजी को और बढ़ा रही है। ग्रामीण इलाकों में भी सोने की मांग में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। अनुकूल मानसून और बेहतर फसल बुआई से ग्रामीण आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। भारतीय गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी भी बढ़ी है। खास तौर पर, केंद्रीय बजट में ईटीएफ पर आयात शुल्क में कटौती और कर छूट दिए जाने के बाद।

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