Business: होम लोन लेते समय अपनाए ये फॉर्मूला, नहीं सताएगी EMI की चिंता
बिज़नेस: होम लोन ने आज के समय में लोगों के लिए घर खरीदना बहुत आसान बना दिया है। अगर आपके पास घर खरीदने के लिए बहुत ज्यादा पैसे नहीं हैं तो आप होम लोन लेकर आसानी से अपना घर खरीद सकते हैं और बाद में किश्तों में धीरे-धीरे होम लोन चुका सकते हैं। लेकिन ये भी सच है कि होम लोन लेने के बाद जब आपको हर महीने ब्याज के साथ EMI चुकानी पड़ती है तो कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं और घर का बजट गड़बड़ा जाता है। ऐसे में वो EMI आपके सिर पर बोझ बन जाती है। इसकी वजह ये है कि लोग होम लोन में ज्यादातर बड़ी रकम लेते हैं। बड़ी रकम की EMI भी बड़ी हो जाती है जिसका हर महीने इंतजाम करना मुश्किल हो जाता है। अगर आप EMI को छोटा करने के लिए अवधि बहुत लंबी रखते हैं तो आपको बैंक को बहुत ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। इसलिए लोन लेते वक्त आपको लोन की रकम, अवधि और घर के बजट को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहिए। ऐसे में आपको एक खास फॉर्मूला समझ लेना चाहिए। अगर आप ये समझ गए तो आपकी सारी मुश्किलें आसान हो जाएंगी।
कमाल का काम करेगा ये फॉर्मूला: अगर आप होम लोन लेकर घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको 3/20/30/40 का फॉर्मूला इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप ये फॉर्मूला अपनाते हैं तो आपके घर का बजट संतुलित रहेगा और हर महीने EMI भी आसानी से चुकाई जा सकेगी। जानिए कैसे लगाएं ये फॉर्मूला.
3 का मतलब: इस फॉर्मूले में 3 का मतलब है कि आप जो घर खरीदने जा रहे हैं उसकी कीमत आपकी कुल सालाना आय के तीन गुना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कोशिश करें कि इसे तीन गुना से कम रखें। मतलब, अगर आपका सालाना पैकेज 10 लाख रुपये है तो आप अधिकतम 30 लाख रुपये का घर या फ्लैट खरीद सकते हैं और अगर पैकेज 15 लाख रुपये है तो आप 45 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
20 का मतलब: फॉर्मूले में 20 का मतलब लोन की अवधि से है। होम लोन 10, 15, 20, 25 या 30 साल के लिए लिया जा सकता है। आप जितनी लंबी अवधि के लिए लोन लेंगे, EMI उतनी ही कम होगी, लेकिन आपको बैंक को उतना ही अधिक ब्याज देना होगा। ऐसे में आपको बहुत बड़ा नुकसान होता है। इसलिए कोशिश करें कि लोन की अवधि ऐसी रखें कि आपको बैंक को बहुत अधिक ब्याज न देना पड़े और EMI का बोझ भी न पड़े। ऐसे में अधिकतम लोन अवधि 20 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। 20 साल की अवधि में आपको जो EMI मिलेगी, उसे आप आसानी से चुका सकते हैं।
30 का मतलब: 30 का मतलब आपकी EMI है। आपकी EMI आपकी कमाई के 30 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। मान लीजिए आपको हर महीने 75 हजार रुपए सैलरी मिलती है, तो आपकी EMI 22,500 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर यह इससे कम है, तो आपके लिए बेहतर है।
40 का मतलब: 40 का मतलब आपका डाउन पेमेंट है। जब भी आप फ्लैट खरीदते हैं, तो आपको उसका डाउन पेमेंट करना होता है। वैसे तो आप घर के लिए 10 या 20 प्रतिशत डाउन पेमेंट दे सकते हैं और बाकी रकम का इंतजाम होम लोन के जरिए कर सकते हैं। लेकिन इससे आपके होम लोन की रकम बढ़ जाएगी और EMI का बोझ भी बढ़ जाएगा। इसलिए कोशिश करें कि 40 प्रतिशत तक डाउन पेमेंट करें। मान लीजिए आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये है और आप 30 लाख रुपये का फ्लैट खरीदते हैं तो आपको करीब 12 लाख रुपये का डाउन पेमेंट करना चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको सिर्फ 18 लाख रुपये का लोन लेना होगा। इस स्थिति में जो EMI बनेगी वो इतनी ज्यादा नहीं होगी कि आप उसे आसानी से चुका न सकें।
उदाहरण से समझें कैसे लागू होगा फॉर्मूला: मान लीजिए आपका पैकेज 10 लाख रुपये का है। आपने 30 लाख रुपये का एक छोटा फ्लैट खरीदा। इसके लिए आपने 40 प्रतिशत यानी 12,00,000 रुपये डाउन पेमेंट के तौर पर दिए। आपने SBI बैंक से 20 साल के लिए 18,00,000 रुपये का लोन लिया। इस पर 9.55% का ब्याज लगा। एसबीआई कैलकुलेटर के अनुसार, 20 साल में आपकी EMI 16,837 रुपये प्रति माह होगी। यह वो रकम है जिसे आप बहुत आसानी से चुका सकते हैं। अगर समय के साथ ब्याज दर बढ़ती है और इसका असर आपकी EMI पर पड़ता है, तो भी आपको कोई परेशानी नहीं होगी।